मकड़ाई समाचार खंडवा। भाजपा MLA देवेंद्र वर्मा के जाति सर्टिफिकेट मामले में कांग्रेस नेता की पिटीशन पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सरकार को 90 दिन में शिकायत का निराकरण के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने ये निर्देश प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन व आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास विभाग को दिए। आरोप है कि विधायक देवेंद्र वर्मा ने फर्जी तरीके से जाट (सामान्य) से सिलावट (SC) जाति का सर्टिफिकेट बनवा लिया।
मामला कुछ यूं है कि कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय ने सूचना के अधिकार से प्राप्त कागजों के साथ जनवरी 2021 में अनुसूचित जाति-प्रमाण उच्च स्तरीय छानबीन कमेटी, भोपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। बताया कि खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा का स्थायी जाति प्रमाण-पत्र असत्य आधार पर फर्जी तरीके से बना है। उन्हें सिलावट (SC) जाति का प्रमाण-पत्र जारी किया जो असत्य और अवैधानिक है, जबकि उनके पूर्वज जाट (सामान्य) रहे हैं।
मालवीय के मुताबिक देवेंद्र वर्मा हेरफेर कर गलत दस्तावेज पेश कर निर्वाचन में शामिल हुए और विधायक बने। वे अवैधानिक तरीके से शासकीय सुविधाओं का लाभ रहे हैं। यह धोखाधड़ी और शासन के धन का दुरुपयोग है। जाति प्रमाण-पत्र की उच्चस्तरीय सूक्ष्मता से जांच होना चाहिए। फर्जी जाति-प्रमाण पत्र निरस्त कर शासकीय सुविधाओं और लाभ पर खर्च राशि की वसूली की जाए। इधर, मामले में विधायक देवेंद्र वर्मा से फोन पर बात की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब दिए बिना ही फोन काट दिया।
शिकायत पर जांच नहीं हुई तो हाईकोर्ट गए
शिकायतकर्ता कुंदन मालवीय ने जाति प्रमाण-पत्र को लेकर आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग से मय दस्तावेजों के साथ जनवरी 2021 में शिकायत की थी। ऐसे मामलों में 6 माह के भीतर निर्णय लेना होता है, लेकिन सालभर में शिकायत पर जांच तक नहीं की। इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की गई। जिस पर 24 जनवरी को सुनवाई हुई। न्यायाधीश विशाल धगत ने सरकार को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के आरोप गंभीर है। दस्तावेजों की जांच कर 90 दिन के भीतर शिकायत का निराकरण करें।
पिता किशोरीलाल ने शिक्षामंत्री रहते फर्जीवाड़ा किया
शिकायत में बताया गया कि MLA देवेंद्र वर्मा के पिता किशोरीलाल वर्मा पंधाना से विधायक होकर शिक्षामंत्री रहे हैं। इसके पहले वह शासकीय सेवक (शिक्षक) थे। उन्होंने सर्विस बुक में जाट जाति का उल्लेख किया है। राजनीति में आने के बाद संतानों के दस्तावेज सिलावट जाति के बनवाए। इसी तरह उनके पूवर्जों की संपत्ति (जमीन-जायदाद) में भी ‘जाट’ होने का जिक्र है।
देवेंद्र वर्मा चौथी बार विधायक, मालवीय को हराया
देवेंद्र वर्मा चौथी बार विधायक हैं, पहली बार पंधाना विधानसभा से उपचुनाव जीते थे। इसके बाद खंडवा विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक हैं। बीते 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से कुंदन मालवीय से उनका सामना हुआ था। कुंदन मालवीय को हार मिली थी। विधायक के जाति प्रमाण-पत्र का मामला उनके पिता किशोरीलाल वर्मा के कार्यकाल के समय भी उठा था।
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