विश्व की सबसे बडी जीरा मंडी में करोडों के सैस घोटाला प्रकरण में विधायक आशा पटेल ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात की। समिति के ही कुछ सदस्यों का आरोप है कि फर्जी बिलों के आधार पर बाजार के हिसाब किताब में 15 से 17 करोड रुपयों की हेराफेरी की गई है, विधायक भी इन आरोपों के घेरे में है। मेहसाणा जिले की खेतीबाडी उत्पन्न बाजार समिति ऊंझा का उत्तर गुजरात की राजनीति पर गहरा असर है। पाटीदार समाज के बुजूर्ग नेता नारण लल्लू को हराकर उत्तर गुजरात की राजनीति में पदार्पण करने वाली आशाबेन पटेल उँझा मंडी में करोडों के सैस प्रकरण को लेकर आरोपों के घेरे में है। सरकार ने आनन फानन में मेहसाणा सहकारी विभाग के रजिस्ट्रार को इसकी जांच सौंप दी लेकिन शिकायत कर्ता सौमिल पटेल, अरविंद पटेल व उनके भाई नरेंद्र पटेल आदि हाईकोर्ट के रिटायर जज से इसकी जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
बाजार समिति के अध्यक्ष दिनेश पटेल का कहना है कि बाजार को बदनाम करने के लिए ये झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं, आरोप सिद्ध नहीं हुए तो इन लोगों पर मानहानि का मुकदमा करेंगे। उनका यह भी कहना है कि आरोप लगने केबाद इसके सबूत हासिल करने के लिए बाजारसमिति की प्रबंधन टीम सौमिल पटेल के घर नोटिस चस्पा करके आई लेकिन वे कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। उधर सहकारी रजिस्ट्रार का कहना है कि नियमोंके अनुसारइस मामले कीजांच होगी, अगर को अनियमितता पाई जाती है तो कानूनी कार्यवाही करेंगे।
गौरतलब है कि बाजार समिति के ही वरिष्ठ सदस्यों का आरोप है कि बाजार समिति खरीद वेचाण के बिल व अन्य फर्जी रसीदें बनाकर बाजार समिति को करोडों रु का चूना लगाया जा रहा है। बाजार समिति का संचालन स्थानीय विधायक आशा पटेल के गुट के लोगों के हाथों में है।