मां नर्मदा की नाभिकुंड नगरी हंडिया में भुजरिया पर्व उत्साह उमंग और हर्षोल्लास के साथ मनाया, परंपरागत तरीके से लड़ाए डंडे
मकड़ाई समाचार हंडिया। हरियाली और समृद्धि का प्रतीक भुजरिया पर्व शुक्रवार को धार्मिक नगरी हंडिया में प्रेम और सद्भाव के साथ मनाया गया। रुठो को मनाने और नये दोस्तों को बनाने का विशेष महत्व है। इसके बाद एक-दूसरे व बड़े बुजुर्गों को भुजरिया देकर चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया वहीं युवाओं ने एक दूसरे को भुजरिया प्रदान कर गले लग कर खुशी जाहिर की।
बुजुर्गों के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को घरों में भुजरियां बोई जाती हैं।रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजरिया को झूले में झूला कर मां नर्मदा में जाकर पूजन आरती कर विसर्जन किया जाता है। उनमें से कुछ भुजरियांओ को सर्व प्रथम सभी देवी देवताओं भगवान को भेंट किया जाता है। इसके बाद लोग एक-दूसरे से भुजरिया बदलकर अपनी भूल-चूक भुलाकर गले मिलते हैं। इस पर्व को रूठों को मनाने और नए दोस्त बनाने, आपसी प्रेम और सद्भावना के रूप में जाना जाता है,शाम को मां नर्मदा में भुजरियांओ के विसर्जन होने के बाद से ही सभी लोग हाथों में भुजरिया लेकर अपने-अपने मित्रों, रिश्तेदारों को शुभकामनाएं देने पहुंचे,यह क्रम देर रात तक चलता रहा। इसके साथ ही मोबाइल, व्हाट्सएप तथा फेसबुक के माध्यम से भी लोग शुभकामनाएं संदेश देते नजर आए, पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन एवं राजस्व विभाग एक्टिव रहा।
बच्चों में रहा काफी उत्साह:- भुजरियां को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहा। बच्चों को भुजरियां देने उपरांत उपहार स्वरूप बड़ों ने उन्हें मिठाई के साथ साथ रुपए-पैसे भी दिये। इसके अलावा जिन परिवारों में पूरे साल के भीतर किसी की मृत्यु हुई है, इसलिए सुख दुख बांटने, मेल-मिलाप के लिए नाते-रिश्तेदार उनके घरों में भी पहुुंचे।