मकड़ाई समाचार गुजरी, धार। कारम बांध की आफत गुरुवार रात को नहीं आई। यह ईश्वर की कृपा रही। इस बात को हर कोई मान रहा है। दरअसल तीन दिन से लगातार वर्षा रुकी हुई है। यदि लगातार तेज वर्षा होती रहती तो यह मिट्टी का बांध रात में ही आफत बनकर फूट जाता। इसके गंभीर नतीजों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। बहरहाल बांध फूटा नहीं और प्रकृति ने सचेत होने के लिए समय दे दिया। इसी के चलते शुक्रवार को दिनभर बड़ी कवायद की जा सकी। जिसके चलते पानी की निकासी कर पाए। अब पांच दिनों में पांच एमक्यूएम पानी निकाल दिया जाएगा जिससे बांध की पाल पर दबाव कम हो जाएगा। बांध स्थल पर जो पहाड़ी है, वह घुमावदार है। ऐसे में पानी का सीधा दबाव मिट्टी के पाल पर नहीं है बल्कि पहाड़ियों पर है। इस तरह से कहीं न कहीं इसमें कुदरत ने मदद की है। वरना यह एक बड़ा हादसा होकर रहता।
गौरतलब है कि शाम को बांध के पानी को रोक दिया गया था। उसके बाद राहत महसूस कर ली गई थी, लेकिन यह राहत संयोग की रही। क्योंकि क्षेत्र में तेज पानी नहीं बरसा। ऊपरी क्षेत्र में भी लगातार तेज वर्षा नहीं हुई। मानसून की निष्क्रियता के कारण पानी का दबाव अधिक नहीं रहा। परिणाम स्वरुप सब कुछ ठीक रहा। रात को गांव खाली नहीं करवाए गए थे। यदि रात को ही आफत आ जाती और बांध टूट जाता तो धार जिले के 12 और खरगोन जिले के 6 गांव में मंजर अलग ही होता।
तीन नदियों के साथ अन्य बड़े नालों का आता है पानी
मौके पर पहुंचे आला अधिकारी
– इंदौर कमिश्नर पवन कुमार शर्मा, आइजी हरिनारायण चारी मिश्र, कलेक्टर पंकज जैन, एसपी आदित्य प्रताप सिंह सहित आसपास के क्षेत्र से पुलिस बल व आला अधिकारी मौजूद रहे।
– बांध पर गेट बना हुआ है जिससे बांध का पानी नदी में छोड़कर पानी का दबाव कम किया जा सकता है जिसके लिए प्रशासन की टीम गुरुवार से लगातार प्रयास कर रही थी। सफलता नहीं मिल पा रही थी जिसके बाद शुक्रवार दोपहर में चेन्नई के कर्मचारियों की टीम ने पहुंचकर वहां पर गेट के नट खोलने का प्रयास किया गया।
– चेन्नई की टीम के कर्मचारियों द्वारा लगातार प्रयास के बाद करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद गेट के दो नट खुले। इसके बाद वहां पर पानी तेज गति से निकलने लगा। हालांकि बाद में बाकी नट खोलना नामुमकिन हो गया। गेट पूरी तरह से खुल नहीं पाया। हालांकि 2 नट खुलने के बाद वहां पर कुछ पानी निकलने लग गया था। बांध का पानी पूरी तरह खाली करने में वह असमर्थ रहेगा।