रेमडेसिविर की कालाबाजारी : 3 युवक रेमडेसिविर की कर रहे थे खरीदी-बिक्री, दबिश में जेब से मिले दो इंजेक्शन
क्राइम ब्रांच ने तीनों के पास से दो रेमडेसिविर बरामद किए
मकड़ाई समाचार इंदौर। कोरोना संक्रमण के बीच शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जोराें पर है। क्राइम ब्रांच ने कनाड़िया पुलिस के साथ मिलकर तीन ऐसे युवकों को पकड़ा है। जो रेमडेसिविर खदीने-बेचने का काम कर रहे थे। इनके पास से टीम ने दो रेमडेसिविर और दो स्कूटर बरामद किया है। ये लोग जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर ज्यादा मुनाफा कमाकर ज्यादा रुपए कमाने का लालच करते हुए इंजेक्शन बेच रहे थे। पुलिस इनसे इंजेक्शन के बारे में पता लगा रही है।
डीआईजी मनीष कपूरिया ने बताया कि शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी, तस्करी और नकली रेमडेसिविर बनाने और बेचने वालों को पुलिस लगातार निगरानी रखे हुए हैं। क्राइम ब्रांच एएसपी गुरू प्रसाद पाराशर को सूचना मिली थी कि संचार नगर चौराहा, कनाड़िया रोड पर रवि नामक व्यक्ति अपनी स्कूटर से रेमडेसिविर बचने आने वाला है। इस पर क्राइम ब्रांच ने मौके पर पहुंची तो दो व्यक्ति गोल्डन कलर की स्कूटर पर और पहले से खड़े स्कूटर सवार के पास पहुंचे। वे उससे लेनदेन कर ही रहे थे कि टीम ने कनाड़िया पुलिस के साथ मिलकर उन्हें दबोच लिया।
पकड़ने गए युवकों ने अपना नाम 24 वर्षीय रवि पिता दिनेष वैष्णव निवासी 60 बी वैभव नगर, बंगाली चौराहा, 21 वर्षीय अभिषेक पिता जयप्रकाश कैथवास निवासी-एफ 15 स्कीम नं. 140 पावर हाउस के पास इंदौर और 21 वर्षीय गौरव पिता बद्रीलाल पाटीदार निवासी 55 गणनायक नगर मयूर हाॅस्पिटल के पिछे बंगाली चौराहा बताया। पुलिस ने सभी की तलाशी ली तो अभिषेक और गौरव के पास से एक-एक रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुई। इनके पास इंजेक्शन को लेकर कोई दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों से 2 दोपहिया वाहन, 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त कर कनाड़िया पुलिस को सौंप दिया।