शर्मसार खाकी: वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी का वर्दी पर जुआ खेलते विडियो हुआ वायरल, ग्रामीणों ने की लिखित शिकायत
के के यदुवंशी
सिवनी मालवा ।तहसील के आदिवासी अंचल सतपुड़ा की पहाड़ी में बूढीमाई बिजासन माता के मंदिर में वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी का जुआ खेलने का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसकी शिकायत भी ग्रामीणों के द्वारा सिवनी मालवा एसडीएम, एसडीओपी सहित थाना प्रभारी को की गई है। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया की वन विभाग के बानापुरा रेंज के डिप्टी रेंजर एवं वन कर्मियों के द्वारा मंदिर में तोड़फोड़ कर मंदिर के पुजारी को भगाया गया जिस पर कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि बानापुरा रेंज के सतपुड़ा के जंगल में आदिवासी ग्राम पीपलठोन, काली छापर पिपलिया आदि ग्रामो के ग्रामीणों का आस्था का केंद्र मंदिर में क्षेत्र वासी के द्वारा वर्षों से माता के दर्शन पूजन पाठ आरती हवन, यज्ञ किया जा रहा है। वुढीमाई का चमत्कार समूचे क्षेत्र में आस्था का केन्द्र रहा है यहाँ पर बरसों से मंदिर के पुजारी सूरज नाथ रहते है। मंदिर के बगल में यज्ञ शाला है मंदिर में प्रतिदिन सुबह शाम पूजा, आरती, यज्ञ हवन करते है। पुजारी के रहने की व्यवस्था मंदिर के पास है।
शनिवार 29 दिसम्बर को वन विभाग के डिप्टी रेंजर महेन्द्र गौर, नाकेदार राममूर्ति, मर्सकोले अपने साथियो के साथ मंदिर में आए और कहने लगे कि सब यहाँ से हटाओ यहाँ हमारा राज चलता है यहाँ हम जो कहेगे वही होगा। यह कहकर उन्होंने यज्ञ शाला तोड़ दी मंदिर में रखी रामायण, गीता जैसे धार्मिक ग्रंथ बाहर फेंक दिए। हवन कुंड तोड़ दिया। पुजारी को मंदिर से भगा दिया और कहा कि यहाँ कोई पूजन पाठ हवन आदि नहीं होगा। कोई धार्मिक आयोजन नहीं होगा।
यह वन विभाग की जगह है यहाँ वन विभाग की मर्जी चलेगी। यह मंदिर भी तोड़ कर फेंक देगें। यहाँ पर किसी के भी आने की अनुमति नहीं है अब कोई भी व्यक्ति नहीं आएगा। आसपास के श्रद्धालु भक्तों ने मंदिर में पानी की व्यवस्था के लिए पास में ही कुआ श्रमदान कर खोदा था। जिसे भी डिप्टी रेंजर बन्द करने का बोल रहे है कह रहे है कि कुआ खोदने के लिए वन विभाग से कोई परमीशन नहीं ली गई है। लेकिन बरसों से की जाने वाली पूजा अर्चना को एकदम से रोकने के पीछे कारण यह है कि वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी, मंदिर में बैठ कर शराब पीते हैं जुआ खेलते है।