शहर के उद्योगपति अम्बेश बलवापुरी की कार का 295 KM दूर महाराष्ट्र के यवतमाल में कटा टोल टैक्स; NHAI टोल फ्री नंबर 1033 में की शिकायत
डैनी उतपुरे मकड़ाई समाचार ब्यूरो बैतूल :- फास्टैग से बेवजह टैक्स कटने के हालत में आप NHAI के टोल फ्री नम्बर 1033 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
हाईवे पर लोगों की सहूलियत के लिए फास्टैग की व्यवस्था देशभर में लागू है, लेकिन गड़बड़ियां अब भी नहीं रुक रही हैं। मप्र में पिछले दिनों दो ऐसे मामले सामने आए, जिसमें कार हाईवे से गुजरी भी नहीं और 175 से 295 किलोमीटर दूर टोल पर फास्टैग से रकम कट गई। इस मामले में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) में शिकायत दर्ज कराई गई है।
शहर के उद्योगपति अम्बेश बलवापुरी की कार छिंदवाड़ा में खड़ी थी, लेकिन उनके फास्टैग खाते से करीब 295 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के केलापुर टोल प्लाजा पर राशि कट गई। अम्बेश ने मामले की शिकायत NHAI से की है। उद्योगपति बलवापुरी अपनी कार (एमपी48सी8777) से 3 जुलाई को छिंदवाड़ा गए थे। इस दौरान मिलानपुर और चिखली टोल प्लाजा उन्होंने पार किया। इन दोनों टोल प्लाजा पर उनके फास्टैग खाते से टैक्स कटने का मैसेज आया था।
4 जुलाई को भी अम्बेश अपनी कार सहित छिंदवाड़ा में ही थे। इसी बीच 4 जुलाई की रात 8:32 पर उनके फोन पर एक मैसेज आया। इस मैसेज में लिखा था कि केलापुर टोल प्लाजा पर फास्टैग खाते से 90 रुपए टैक्स कटे हैं। यह टोल प्लाजा महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में नागपुर-हैदराबाद-बेंगलुरू-कन्याकुमारी नेशनल हाईवे नंबर 44 पर स्थित है।
मैसेज पढ़ते ही अम्बेश हैरान हो गए, क्योंकि उनकी कार 3 जुलाई के बाद से छिंदवाड़ा से बाहर निकली ही नहीं थी और केलापुर टोल प्लाजा छिंदवाड़ा से पूरे 295 किलोमीटर दूर है। यह बात उन्हें समझने में देर नहीं लगी कि उनके खाते और कार नंबर से किसी ने छेड़छाड़ करके ठगी की है। यह देख कर बलवापुरी ने तत्काल ही NHAI के अधिकारियों से मामले की शिकायत की और कार्रवाई करने की मांग की है।
दूसरा मामला
बैतूल के सराफा कारोबारी उषभ गोठी उस समय घबरा गए जब उनकी कार (एमपी 48 बीसी 9911) का टोल बीते गुरुवार शाम 4 बजे कट गया। जैसे ही उन्हें टैक्स कटने का मैसेज आया, तो सबसे पहले उन्होंने अपनी कार देखी जो उनके घर के बाहर ही खड़ी थी, लेकिन उसका टोल फास्टैग के जरिए 175 किमी दूर महाराष्ट्र के पाटन सांवगी में कट गया है। 90 रुपए की रकम कटने के यह मैसेज उषभ हैरान हो गए और इसकी शिकायत उन्होंने NHAI में दर्ज करा दी है।
आपराधिक घटना पर हो सकती है फजीहत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शायद किसी शातिर अपराधी ने उनके कार जैसी ही नंबर प्लेट अपनी कार में लगा ली हो और उनके फास्टैग खाते से किसी तरह लिंक कर लिया होगा। जिस से ऐसा मामला सामने आया है। ऐसे में यदि उक्त वाहन से संबंधित लोग किसी आपराधिक घटना को अंजाम देते हैं तो, टोल प्लाजा के फास्टैग से हुआ भुगतान एक पुख्ता सबूत बन सकता है। इसी वजह से बलवापुरी और उषभ इस पूरे मामले को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने इस मामले में जल्द कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
एक्सपर्ट के मुताबिक दो कंडीशन में ऐसा होता है। पहला कारण है कि एक ही नंबर पर दो फास्टैग जारी हुए हों। दूसरा, टोल पर लगे स्कैनर फास्टैग स्कैन न कर पाएं। ऐस में मैनुअली एंट्री की जाती है, इसमें डिजिट का हेरफेर हो सकता है। इसकी वजह से राशि कट सकती है। ऐसे में गाड़ी मालिक संबंधित टोल पर या एनएचएआई को शिकायत कर सकता है। इसके बाद टोल प्रबंधन कैमरे को देखेगा और वास्तव में गाड़ी नहीं गुजरी हो तो राशि रिफंड हो सकती है।