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सरपंच पद की ऐसी चाह : एक ही घर से देवरानी, जेठानी और बहू उतर गई चुनावी दंगल में

मकड़ाई समाचार भिण्ड। मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के गोरमी सर्कल अंतर्गत ग्राम पंचायत कल्याणपुरा इन दिनों चुनावी चर्चाओं में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, इस ग्राम पंचायत से सरपंच पद के लिए न केवल देवरानी और जेठानी का आमने-सामने मुकाबला है बल्कि बहू भी चुनावी दंगल में दांव आजमा रही है। सामान्य महिला के लिए अनारक्षित ग्राम पंचायत कल्यापुरा की सरपंच सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देवरानी, जेठानी के अलावा बहू के बीच है। कल्याणपुरा व रजगढिय़ा सहित पंचायत में करीब 2100 मतदाता हैं जो प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। सीट महिला अनारक्षित होने के बावजूद एक भी सामान्य महिला उम्मीदवार नहीं है। लोध राजपूत समाज बाहुल्य पंचायत होने के चलते तीनों ही प्रमुख प्रत्याशी न सिर्फ पिछड़ा वर्ग से एक ही समुदाय बल्कि एक परिवार से भी हैं।

भतीजी बहू मतदाताओं को बता रही अपनी काबिलियत

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देवरानी और जेठानी के बीच मुकाबला होने के बावजूद उनकी भतीजी बहू रचना प्रेम सिंह नरवरिया स्वयं को बेहतर उम्मीदवार बताते हुए मतदाताओं को अलग अंदाज से रिझाने का प्रयास कर रही हैं। दरअसल, देवरानी और जेठानी कम पढ़ी लिखी हैं जबकि रचना नरवरिया राजनीति शास्त्र से एमए करने के अलावा बीएड भी किए हुए हैं। ऐसे में ग्रामीणों के बीच जाकर रचना न केवल स्वयं के युवा होने की दुहाई दे रहीं हैं बल्कि अपनी दोनों सासों से ज्यादा शिक्षित होने की बात बताकर उनके लिए विकास के नए आयाम स्थापित करने का दावा भी कर रही हैं। हालांकि पूरे ग्राम पंचायत क्षेत्र में कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। देखना ये है कि मतदाताओं का रुझान किस ओर पलटता है।

भाइयों में नहीं बनी सहमति तो देवरानी और जेठानी उतर गईं मैदान में

विदित हो कि निवर्तमान में राधेश्याम नरवरिया ग्राम पंचायत के सरपंच हैं। इस बार चुनाव लडऩे की तैयारी उनके बड़े भाई विक्रम सिंह नरवरिया कर रहे थे। महिला सीट होने पर राधेश्याम अपनी पत्नी शीला को चुनाव लड़ाने के लिए आतुर थे जबकि विक्रम सिंह अपनी पत्नी कमला देवी को चुनाव में उतारने का मन बना चुके। दोनों भाइयों के बीच घर के एक सदस्य को चुनाव लड़ाने पर सहमति नहीं बन पाई। लिहाजा दोनों ही भाइयों की पत्नियां मतदाताओं से अपने-अपने लिए वोट मांग रही हैं।