हंडिया: मां नर्मदा की निराहार नर्मदा परिक्रमा कर रहे दादा गुरु, साथ में चल रहा भैरव भी, ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत
हंडिया।कहा जाता है कि भूखे पेट भजन नहीं किया जा सकता लेकिन मां नर्मदा के एक ऐसे भक्त जो मां नर्मदा की भक्ति में लीन होकर पिछले 29 महीनों से मां नर्मदा की निराहार परिक्रमा कर रहे हैं मंगलवार को संत समर्थ गुरु :दादा गुरु: ने धार्मिक नगरी हंडिया में प्रवेश किया,धार्मिक नगरी में प्रवेश करते ही नर्मदा भक्तों द्वारा पुष्प वर्षा कर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया,
दादा गुरु का पूरा दल कदमताल करता हुआ उनके साथ चल रहा था,मुख्य मार्गो से होते हुए दादा गुरु की पूरी संत मंडली कई श्रद्धालुओं सहित श्री वसुंधरा सेवा आश्रम पहुंची,जहां परिक्रमा में शामिल सभी लोगों ने भोजन ग्रहण किया, दादा गुरु के अनशन रुपी इस महाव्रत में उनके स्वागत दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं की काफी संख्या रही,दादा गुरु ने भगवान रिद्धनाथ महादेव का पूजन अर्चन कर जलाभिषेक किया और रात्रि में मौजूद सैकड़ों भक्तों ने दादा गुरु के सत्संग व प्रवचनों का लाभ लिया,इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका न कोई आश्रम है ना कोई अलग विचार धारा वे मां नर्मदा के किनारे को ही मंठ और पेड़ पर्वतों को ही मूर्तियां मानते हैं, अमरकंटक से लेकर अंकलेश्वर तक ऐसा कोई घाट नहीं है जहां गंदगी ना मिली हो, मां नर्मदा के किनारे साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए,
जानकारी के अनुसार संत समर्थ गुरु मां नर्मदा एवं पर्यावरण संरक्षण जिसमें धर्म,धरा,धेंनु प्रकृति संरक्षण संवर्धन शामिल है के लिए लिए निराहार रहकर अनशन कर रहे है।
दादा गुरु के साथ चल रहे दीपक सोलंकी ने बताया कि 3200 किमी की यह परिक्रमा यात्रा भरुच के संगम अमरकंटक होते हुए लगभग 65 से 70 दिनों में ओंकारेश्वर में यात्रा का समापन होगा,उनकी परिक्रमा अखंड रूप से जारी रहेगी,। इसके साथ ही भैरव भी दादा गुरु के साथ नर्मदा परिक्रमा कर रहा है।
हंडिया में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार सुबह नर्मदा पूजन कर दादा गुरु ने अपनी आगे की यात्रा शुरू की और अगले पड़ाव के लिए रवाना हुए,