मकड़ाई समाचार हरदा। खेती के अपने संस्कार गीत है जो कि हम विभिन्न अवसरों पर गाते है ऐसे ही खेत में कार्य करते हुये हम हल्लूर गाते थे,। अब यह परंपरा टूटती जा रही है इसको हमारे गाँव में हमने अभी भी जीवित रखा है अतः आज शनिवार 7 मई को शाम 4.30 बजे से छिदगांव तमोली सोसाइटी की ओर से गाँव में बागदेव बाबा ओटले पर हल्लूर गायन का आयोजन रखा गया है।
जानकारी देते हुए आयोजक टीम के अशोक गुर्जर, उत्तम राजपूत ने बताया कि हल्लुर गायन हमारे पूर्वजों द्वारा खेती का काम करते समय गाया जाता था। यह अब विलुप्त होता जा रहा है। उन्होंने सभी से किसानों से अपील की है। कि
हल्लूर गायक में आप सादर आमंत्रित है और रसिक श्रौता भी, बख्खर और कोल्पा गैरते हुए भी गायन होगा जिसकी भोपाल से आई टीम रिकार्डिंग करेगी कृपया समय का ख्याल रखे.
छिदगांव तमोली के हल्लूर गायक श्री रमेश सिंह गिनारे, भागिरथ जी गुर्जर, भारत सिंह तोमर और बंदिमुहाडिया के श्री मथुरा प्रसाद बांके की विशेष प्रस्तुतियां आपको सुनाई जायेगी.
श्रौता बंधुओं को अवगत कराना चाहेगें की यह गायन परंपरा ऐसी है जिसमें आधुनिकता की छाव नहीं होती है जहाँ श्रम ही संगीत है चांदनी रात ही लाईट सिस्टम और खेतों का एकांत ही हाई लाऊंड होता है अर्थात इस मंच पर न लाईट होगा न सांऊड और न ही म्यूजियम.
संपुर्ण नेसर्गिकता
इस विषय में संपूर्ण जानकारी हमारे समिति प्रबंधक उत्तम सिंह राजपूत से मोबाईल नम्बर 9575653535 पर प्राप्त कर सकते है.