– आवेदनकर्ता छोटा भाई, इस्तेमालकर्ता बड़ा भाई
मकड़ाई समाचार हरदा। कलेक्टर द्वारा 16 अप्रैल शाम से 26 अप्रैल तक लगाए लाकडाउन में तारीख 17 अप्रैल को गणेश चौक स्थित एक चश्मा व्यापारी ने अपनी पूरी दुकान खोल के रखी। बाकायदा डॉ पर्चे से चश्मे बनाने का काम भी किया। दोपहर 12 बजे मकड़ाई समाचार संवाददाता बन्द के दौरान शहर का जायजा लेने के दौरान गणेश चौक स्थित इस दुकान को खुली देखकर रुक गए। ग्राहकों की आवाजाही की तस्वीर लेने पर दुकान पर मौजूद व्यक्ति द्वारा दुकान खोलने की अनुमति होने की बात कही गयी।
अनुमति पत्र देखने पर पाया कि यह आवेदन मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरदा को संदीप बड़ोदिया नामक युवक ने 18 नवंबर 2020 में लिखा था। इस आवेदन में संदीप बड़ोदिया नामक युवक जो ऑप्टिमीट्रिस्ट है खुद को पात्र बताते हुए सीएमएचओ को पत्र लिखकर चश्मे के नम्बर निकलने व दुकान खोलने की बात पत्र में कही। इस आधार दुकान खोलने की इच्छा जताई गई। यहां दुकान खोलने से स्पष्ठ आशय नया कारोबार करने को लेकर होना प्रतीत होता है।
कलेक्टर के आदेश पर भारी सीएमएचओ का आवेदन –
चूंकि पिछले वर्ष भी कोरोनाकाल सक्रिय था । लंबे लाकडाउन के बाद इस बार फिर कोरोना के खतरनाक दूसरे प्रकार के फैलने के चलते वर्तमान कलेक्टर हरदा संजय गुप्ता ने जो लाकडाउन में 16 से 26 अप्रैल 2021 बन्द करने हेतु आदेशिका जारी की उसमें जिन दुकानों के खोलने का जिक्र है। उसमें चश्मा दुकान का कहीं उल्लेख नहीं है।
आवेदक छोटा भाई, बड़ा भाई इस्तेमालकर्ता –
आवेदक संदीप बड़ोदिया का आवेदन पत्र 18 नवंबर 2020 का है। जानकारी लेने पर पता चला कि इस आवेदन पत्र के आधार पर माया ऑप्टिकल संचालक सुदीप बड़ोदिया दुकान खोलके बैठा है। उसकी दुकान में उसने कई प्रकार के प्रमाण पत्र फ्रेम कराके लगाए हैं। गणेश चौक स्थित दुकान भी संदीप बड़ोदिया के 18 नवम्बर 2020 के आवेदन करने के करीब दो वर्ष पूर्व से वजूद में है।
जबकि उसका छोटा भाई ऑप्टिमीट्रिस्ट भाई संदीप बड़ोदिया डॉ गिरीश मुकाती के यहां आंखों की जॉच करता है। मिली जानकारी में सांई क्लीनिक के अंदर ही उसकी चश्मे की दुकान भी है।
अब यह तो जांच का विषय है कि एक आवेदन पर एक व्यक्ति एक समय मे कितनी जगहों पर आंखों की जांच कर सकता है। साथ ही एक आवेदन पर कितनी जगह दुकान खोल सकता है। और समय भी ऐसा जब कोरोनाकाल में वायरस की भयावहता को देखकर कलेक्टर ने आवश्यक दुकानों के खोलने के अलावा अन्य व्यवसाय को अपनी मंजूरी नहीं दी है।