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हरदा: विकास की बातें करने और दम्भ भरने वाली  मप्र सरकार , वनांचल के हालात को देखें । तो हक़ीक़त से रूबरू हो।

मकड़ाई समाचार हरदा।  आदिवासी बहुल क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधाओ से मेहरूम रखा जा रहा है। पिछले 20 साल से भाजपा की सरकार मप्र में  काबिज रही है। बावजूद इसके अभी तक जिले के वनांचल के हालात ठीक नही है। सड़क न बिजली और न ही पीने का शुद्ध पानी है।

सड़कें न होने से वनवासी चिकित्सा की सुविधा का लाभ नहीं  ले पाते  हैं।  कुछ माह पूर्व भी एक गर्भवती महिला को खटिया पर बिठाकर इलाज के लिए लाया गया था।

ऐसा ही कुछ मामला लाखादेह के चुरनी का है  । जहां मंगु पिता मातंग की तबियत खराब होने पर उसे टिमरनी स्वास्थ्य  केंद्र लाया जा रहा था।  मंगु की हालत ठीक नही थी।  गांव के नाबालिक बालक और एक दो लोग उसे जैसे तैसे उठाकर सड़क के गड्डे और टूटी पुलिया में उतर उसे रास्ता पार करवा रहे थे।

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हालात ऐसे है कि देख व्यवस्था रो पड़े।   आखिर आदिवासी क्षेत्रो की इतनी उपेक्षा क्यूं है। वह भी तब जब विधायक व सांसद इन्हीं वर्गों से हैं।

इसके बाद भी विकास कार्यो को तो छोड़िए फिलहाल आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं तक तो उपलब्ध नहीं हैं। सड़के खराब होने से वाहन भी फंस जाते हैं। ऐसे में समय से इलाज न मिलने के कारण पूर्व में कई आदिवासी महिला पुरुषो की जान पर आ गई थी।

सरपंच सहित ग्रामीणों ने कलेक्टर को की थी शिकायत

विगत दिनों ग्राम पंचायत लाखादेह के सरपंच सचिव द्वारा भी जिला कलेक्टर ऋषि गर्ग को इस खस्ताहाल जर्जर सड़क को लेकर लिखित शिकायत की थी। लेकिन अभी कोई कार्यवाही नही हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि वैकल्पिक मार्ग अभी प्रशासन बनवा दे ताकि हमारे वाहन आ जा सके । अभी तो गरीब आदिवासी किसान व शहर आने जाने वाले राहगीर सभी लोग बहुत ज्यादा परेशान है। फिलहाल जिलाधीक्ष महोदय को इस और शीघ्र ही ध्यान देना चाहिए।