मकड़ाई समाचार हरदा। हमारे राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान जी 6 अक्टूबर को हरदा में जनदर्शन करने आ रहे हैं उनके इस कार्यक्रम में लगभग करोड़ों रुपए के खर्च होने का अनुमान है इन करोड़ों रुपए खर्च करके जनदर्शन करने का सीएम का क्या औचित्य है। यह जनता के पैसों का दुरुपयोग है । जारी प्रेस विज्ञप्ति में युवक कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज किसान परेशान है गरीब मध्यम वर्गीय परिवार महंगाई की मार नहीं झेल पा रहा है और ऐसे समय में एक सीएम का कार्यक्रम जो महज 1 घंटे से डेढ़ घंटे का होगा उसमें करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं । जबकि इन रुपयों से गरीब ,किसान, मजदूर ,का भला किया जा सकता था हमारे मध्य प्रदेश के सीएम एवं प्रशासन जो 1 घंटे के कार्यक्रम के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं जिसका की कोई औचित्य नहीं है और उसमें खेल मैदान नेहरू स्टेडियम का उपयोग किया जा रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि यह कतई सही नहीं है उन्हें इस विषय पर सोचना चाहिए आज हमारा देश कोविड-19 जैसी महामारी के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहा है और प्रदेश का मुखिया ऐसे आयोजन कर करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं जिनका कोई औचित्य नहीं है जबकि अभी covid 19महामारी खत्म नहीं हुई है और जनदर्शन के माध्यम से हजारों लोगों को इकट्ठा किया जा रहा है यह कहां का न्याय है मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि इस तरह करोड़ो रुपए खर्च न किया जाए एवं ऐसी महामारी के समय हजारों लोगों को एकत्रित किया जाना कोविड-19 गाइडलाइन के खिलाफ है ऐसे आयोजन नहीं होना चाहिए मैं सीएम शिवराज सिंह जी से मांग करता हूं कि जो करोड़ों रुपए आपकी जनदर्शन यात्रा में खर्च किए जा रहे हैं उन रुपए से गरीब मजदूर और मध्यम वर्ग व्यापारी के परिवार को फायदा पहुंचाया जाए जिससे कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को फायदा होगा एवं सीएम साहब से निवेदन है कि covid जैसी महामारी में हजारों लोगों की जान जोखिम में ना डाली जाए एवं कार्यक्रम में कोविड-19 के नियमों का पूर्ण तरह पालन किया जाए एवं प्रशासन से निवेदन है कि सीएम की एक यात्रा में कितना पैसा खर्च हुआ उसे सार्वजनिक किया जाए क्योंकि यह पैसा जनता का है । हम इस तरह के सरकार के पैसों का दुरुपयोग कर कार्यक्रम का विरोध करते हैं अगर इन करोड़ों रुपए से आप जिन लोगों की कोरोनावायरस मृत्यु हुई है जिन्हें आपने एक ₹100000 देने की बात की थी । उन्हें अगर आप दे देते हैं तो उन परिवारों का भला हो जाता।