ब्रेकिंग
खेती किसानी हरदा: मूंग उपार्जन के लिए 60 केन्द्रों पर 5 जुलाई तक करा सकते हैं पंजीयन अगले 4 दिन में पूरे मध्य प्रदेश पर होगा मानसून! अधिकांश जिलों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी दुल्हन के बेडरूम से हुई आहट से दूल्हे की नींद टूटी ! तलाशी में सन्दूक मे मिला प्रेमी उसके मुंह पर का... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 18 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे खिरकिया: गोलमाल है भाई सबकुछ गोलमाल ! बबन राव नामक व्यक्ति की नियुक्ति बनी दो विभागों के लिए पहेली, ... अजब गजब - नवविवाहिता पत्नि मायके से प्रेमी संग भागी, पति बोला मै खुशकिस्मत हूं मरने से बच गया हरदा: राम जानकी मंदिर रनआई कला में मंदिर समिति की 30 एकड़ जमीन की सार्वजनिक नीलामी हो, तीन साल से भग... हरदा शहर में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें, पार्क सौन्दर्यीकरण के कार्य कराएं:  ग्रामीण पहुँच मार्गों ... हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने जनसुनवाई में सुनी नागरिकों की समस्याएं, जमीन से जुड़े मामले ज्यादा आए Harda news: कर्मचारियों के सभी भुगतान, क्रमोन्नति, पदोन्नति समय पर सुनिश्चित हों- कलेक्टर श्री जैन

बातें हरदे की … दाजी -बदामी संग

 ◆ बदामी – दाजी राम राम। दाजी- अरे आ बदामी। गंज दिन बाद आयो।पंगत रपेट रयो ह आजकल तो तू।

 

◆बदामी – हव दाजी। 

बदामी – दाजी एक संका समाधान करो !

दाजी – हव बता ! 

◆बदामी – दाजी, ये बड़े नामी गिरामी डाग्दर होन आगे रेके अपना ठिया छोड़  के छोटी जगह पर मलीजों को जबरन दरसन देने के लिए क्यों भेंकर पटकई रया। इनको बुलवाने वाले भी बिना अपने फायदे के तो ये जनसेवा करने से रय। गुप्त/सुप्त/मुफ्त मालूम नामालूम सब रोग के डॉ यां आने को महानगर तक छोड़ रया । काई ह काई यां असो। भगवान जाने! उनको वहां कने क्या तकलीफ है। अब जिसको तकलीफ है वो तो खुद दिल्ली मुम्बई चलके जा रया ह । 

अब स्थानीय ओटला होन ख देखी लेव । पवन छोटी बड़ी आय। पर ओटले पर ही आय ह। पीड़ित अदमी दान मान लेकर बैठक में वार के हिसाब से दूर दूर से आय । फायदो लेकर जाय। आज तक किसी बाबा ने अपना ओटला छोड़ और कईं बैठक की हो असो तो कईं नि सुन्यो।  

फेर ये दादा होन ठिया छोड़ कसा गठिया का इलाज करी रया। संपट नि पड़ती। 

- Install Android App -

दाजी – बात तो सई है बदामी।

लगता है रजाल्या,  इनको ओटले से उठवा के निजु कोपचे (स्टोर) में बिठवा के मरीजों को घर पहुँच सुविधा का लालुच देय रया। मलीज को डॉ मिले, डॉ को फीस मिले, स्टोर की दवाई बिके। सबका पेट लगेल है। 

◆बदामी – दाजी, ए म दोई की दोई अपनी वेवस्था जमाना के फेर में लगे दिखे। 

दाजी- हव, होय ह,  कोई कोई मलीज ख को देख डाग्दर ओख अगली बार मे अपना ओटला प आने की के ही देय ह। यहीं दो तीन हफ्ते की दवाई ले लुआ के मलीज भी हलको हो जाय। 

◆बदामी – दाजी, बाहर से डाग्दर होन आय जाय तो इनको भी तो होटल खाईं रजिस्टर में लिखा पढ़ी होती होयगी। बिना हस्पताल बड़ा अधिकारी के अनुमती के ये जांच थोड़ी कर सके। कोई केना सुननो वालो नि।

दाजी – देख बेटा, अब सबका हाथ होय, मुट्ठी होय, हाथ मे धन रेखा होय, तकदीर होय । हस्पताल वाला ख की शिकायत मुट्ठी दान लेकर कोई जन गन सुनवाई में बड़ी पवन कने नि जाय। जबलग तो स्टोर-धाम बैठक असी ही भरायेगी।  जिसकी झाँ लिखेल है, वो तो व्हां पोंच ही जाय रे बदामी। तू जादा टेंसन मत ले , जान दे, नि तो अगली काव तू भी दान दे।