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पंचायत की सरपंच महिला, लेकिन पति संभालते हैं कुर्सी, खबर सबको पर कोई नहीं करता कार्रवाई, ये नियमों का मजाक नहीं तो और क्या ?

लोकतंत्र में सबसे छोटी सरकार कहलाने वाली पंचायतों में लागू आरक्षण के दम पर महिलाओं को उनका हिस्सा मिल रहा है, लेकिन वे घरों में पुरुषों के दबदबे को पूरी तरह से नहीं तोड़ पा रही हैं। ज्यादातर गांवों में महिला सरपंचों की जगह उनके प्रतिनिधि-पति सरपंच की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं को आम चुनावों में आरक्षण देकर उनका उत्थान करना चाहती है। महिलाओं को आगे आने का मौका दे रही है, लेकिन इसका धरातल पर उनके पति या प्रतिनिधि इस दायित्व को निभाते नजर आते हैं। कहने को तो महिला पद है, लेकिन कामकाज और कुर्सी पति ही संभालते हैं। यही हाल प्रदेश के कई जिलों में है। ऐसे में महिला सीट आरक्षित करने का क्या फायदा ? संविधान और नियमों का मजाक बनाया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी नेताओं और अधिकारियों नहीं है। सब कुछ जानने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

मकड़ाई समाचार राजगढ़। मध्यप्रदेश में हाल ही पंचायत चुनाव हुए हैं। राजगढ़ जिले के ग्राम पंचायत खारपा की सरपंच धापूबाई है, लेकिन सरपंच पद की शपथ पति रामविलास किरार ने ली। अब पंचायत का कामकाज भी पति ही देखता है। पंचायत की बैठकों में भी भाग लेता है। इसलिए उपसरपंच, पंचगण और ग्रामीणों ने कलेक्टर से इसकी शिकायत की है।

पंचायतों में लगे ताले, घर में होती है बैठक

इसी तरह जनपद पंचायत जीरापुर की ग्राम पंचायतों के ताले नहीं खुलते है। सरपंच के घरों पर ही पंचायत लगती है। जिससे ग्रामीणों को भटकना पड़ता है। जब भी कोई पंचायत संबंधित काम पड़ता है, तो सरपंच पति ही चक्कर लगवाता है। शिकायत के बावजूद अधिकारियों ने इस पर संज्ञान नहीं लिया।

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बिना सर्वसम्मति के होते है प्रस्ताव पारित

उपसरपंच और पचों ने ग्राम पंचायत खारपा की बैठकों के बारे में लिखित शिकायत दी है कि कोई भी निमार्ण कार्य का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होना चाहिए, लेकिन उनकी कोई सहमती नहीं ली जाती है। बैठके भी सरपंच पति और कमर्चारी मनमाने तरीके से करते है। जबकि कोई भी ठहराव प्रस्ताव सवर्सम्मति से होना चाहिए। प्रस्ताव जब चाहे बिना ग्रामसभा के बनाए जा रहे है। जिसमें पूर्व दिनांक में जब मन हो तब बनाए जा रहे है। जो कि नियम विरुद्ध है।

सचिव और अधिकारी ने क्या कहा ?

ग्राम पंचायत खारपा सचिव फूल सिंह गुर्जर का कहना है कि शपथ मेरे द्वारा ही दिलवाई गई थी। सहायक वाचक की मांग की गई थी। इसलिए सरपंच पति ने भी साथ में शपथ ली। सीईओ जनपद पंचायत जीरापुर मुकेश जोशी ने कहा कि अभी जानकारी मिली है। शिकायत के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।