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13 दिन बाद जेल से रिहा होकर अस्पताल पहुंचे नवनीत और रवि राणा

Navneet Rana Jail Release: हनुमान चालीसा पाठ मामले में राजद्रोह के कथित मामले में गिरफ्तारी के करीब दो हफ्ते बाद महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को विशेष अदालत से बुधवार को सशर्त जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहाई को बाद नवनीत राणा व उनके पति रवि राणा सीधे लीलावती अस्पताल पहुंची।

वहीं यह भी खबर है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने राणा दम्पत्ति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीएमसी की एक टीम ने उपनगर खार में नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के घर का निरीक्षण किया , लेकिन अपार्टमेंट बंद मिला। 2 मई को BMC ने अवैध निर्माण की शिकायत पर सोसायटी और आठवीं मंजिल पर रहने वालों को नोटिस जारी किया था। इससे पहले नवनीत राणा को तबीयत खराब होने पर भायखला जेल से इलाज के लिए जेजे अस्पताल ले जाया गया था। बाद में शाम को उन्हें वापस जेल में लाया गया।

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गौरतलब है कि सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर 23 अप्रैल को हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। राणा दंपती ने प्रधानमंत्री की प्रस्तावित मुंबई यात्रा के कारण अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उसी दिन राणा दंपती को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन पर राजद्रोह की धारा भी लगाई गई थी। विशेष जज आरएन रोकाडे ने दोनों को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है।

दंपती से कहा गया है कि रिहाई के बाद वे साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। अदालत ने राणा दंपती को इस मामले में मीडिया से बात करने से मना करने के साथ ही कहा है कि वे इस तरह के किसी विवाद में वे फिर से शामिल नहीं होंगे। राणा दंपती के वकीलों ने कहा कि जमानत से संबंधित आवश्यक दस्तावेज समय पर जेल नहीं पहुंच सके। इस वजह से बुधवार को रिहाई नहीं हो सकी। दंपती को गुरुवार को रिहा किया जा सकता है।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान राणा दंपती के वकील ने कहा था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधि हैं। वह महाराष्ट्र सरकार नहीं हैं। उद्धव और उनकी पार्टी शिवसेना के खिलाफ टिप्पणी महाराष्ट्र सरकार को चुनौती देना नहीं है। सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि दंपती ने सरकार को चुनौती देने और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की।