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13 से 23 सितम्बर तक बच्चो को खिलाई जाएगी कृमि नाशक टेबलेट

हरदा| भारत शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में कृमिमुक्ति दिवस का आयोजन वर्ष में एक बार किया जाता है। जिसमें समस्त विद्यालयों एवं आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 1-19 वर्ष के बच्चों, किशोर तथा किशोरियों को एल्मेन्डाजॉल गोली का सेवन कराया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर जैसानी ने बताया कि विगत वर्ष कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन 13 सितम्बर से 23 सितम्बर 2021 तक सामुदायिक आधारित गृह भ्रमण रणनीति के माध्यम से किया जावेगा। जिसके अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बालविकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर 1-19 वर्षीय समस्त हितग्राहियों को कृमिनाशन की दवा (एल्बेंडाजॉल) खिलाई जावेगी ताकि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित हो सके।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जैसानी ने बताया कि कृमि नाशन कार्यक्रम के तहत 01 से 02 वर्ष के बच्चों को आधी गोली 2 चम्मच के बीच में रखकर पूरी तरह से चूरा कर साफ पीने के पानी में मिलाकर खिलाई जाएगी एवं 2 से 3 वर्ष के बच्चों को एक गोली पूरी तरह से चूरा कर साफ पीने के पानी में मिलाकर खिलाई जाएगी। जबकि 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली अच्छी तरह से चबाकर साफ पानी में खिलाई जाएगी। उन्होने बताया कि कृमि मनुष्य की आंत में रहते है और जीवित रहने के लिये मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खा जाते है। ये तीन प्रकार के होते है हुक कृमि, व्हिप कृमि एवं राउंड कृमि। गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते है जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी, और भूख न लगना शामिल है। उन्होने बताया कि कुछ बच्चों को कृमिनाशन की दवा खाने के बाद मामूली दुष्प्रभाव जैसे- जी मचलाना, उल्टी, दस्त, पेट में हल्का दर्द और थकान अनुभव होने की संभावना हो सकती है। यह दुष्प्रभाव अस्थाई होते है और आमतौर पर आसानी से संभाले जा सकते है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर जैसानी ने सभी बच्चों के अभिभावको से अपील की है कि वह अपने बच्चों को कृमिनाशन दवा का सेवन कराकर कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग का सहयोग करें।

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