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3 बच्चों की मां मैरी कॉम ने विश्व महिला मुक्केबाजी में ‘गोल्ड’ जीतकर रचा इतिहास

नई दिल्लीः भारत की सुपर मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए यूक्रेन की हाना ओखोता को शनिवार को हराकर आईबा विश्व महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 45-48 किग्रा लाइट फ्लाई वेट वर्ग का स्वर्ण पदक जीत लिया। मैरी कॉम ने इसके साथ छठी बार स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास बना दिया। वह यह कारनामा करने वाली पहली मुक्केबाज बन गई हैं।

35 वर्षीय सुपर मॉम मैरी ने यह मुकाबला जजों के सर्वसम्मत फैसले से जीता और जीत के बाद उन्होंने अपने प्रशंसकों को धन्यवाद दिया, जो भारी संख्या में आईजी स्टेडियम के केडी जाधव हॉल में मौजूद थे। पूरे स्टेडियम में तिरंगा लहरा रहा था।

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विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की ब्रांड एंबेसडर मैरी कॉम पहले ही अपना सातवां विश्व चैम्पियनशिप पदक सुनिश्चित कर रिकॉर्ड बुक में जगह बना चुकी थीं और अब उन्होंने नया इतिहास रच दिया। इस स्वर्ण को जीतने के साथ ही मैरी की आंखों में आंसू आ गए। 

सोनिया ने जीता रजत
वहीं सोनिया का मुकाबला इससे बिलकुल विपरीत रहा, जिसमें भारतीय मुक्केबाज दूसरे राउंड में ही पस्त हो गयी थी। पहले राउंड में जर्मनी की मुक्केबाज ने आक्रामक खेलना शुरू किया और मजबूत मुक्कों से मेजबान देश की मुक्केबाज को पछाड़ा जो रक्षात्मक खेलते हुए पंच लगाने का मौका ढूंढती दिखी और एक जोरदार पंच से गिर भी गयीं। दूसरे राउंड और तीसरे राउंड का हाल एक सा रहा जिसमें सोनिया के पास गैब्रिएल के मुक्कों का कोई जवाब नहीं था। हालांकि सोनिया ने वापसी की कोशिश के तहत अंत में कुछ लगातार मुक्के जमाये।

सोनिया ने मुकाबले के बाद स्वीकार किया कि वह विपक्षी से कमतर थी। उन्होंने कहा, ‘‘वह हार्ड हिटर है और मजबूत मुक्केबाज है, मैं यह जानती थी। मुझे लगातार पंच लग रहे थे जिससे थोड़ा स्टैमिना कम हुआ और यहीं कमतर रह गई। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी पहली बड़ी चैम्पियनशिप, इसमें रजत पदक जीतना अच्छा है। अगली बार पूरी तरह तैयार होकर खेलूंगी और स्वर्ण पदक जीतूंगी। अब ध्यान 2020 ओलंपिक क्वालीफायर पर लगाऊंगी। ’’