मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर/भोपाल | पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा से लेकर रिजल्ट में गड़बड़ियां थम नहीं रही हैं। सप्ताह भर पहले राज्य शिक्षा केंद्र ने पूरक परीक्षा का परिणाम दिया। कम्प्यूटराइज्ड अंकसूची में भारी गलतियां की गई हैं। सारे विषयों में पास विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण दर्शाया है। यहां तक कि विद्यार्थियों और उनके माता-पिता का नाम भी अंकित नहीं है। वहीं कई विद्यार्थियों की आनलाइन अंकसूची में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंक नहीं जोड़े गए हैं।
पास होने के बावजूद विद्यार्थी रिजल्ट में फेल
अर्द्ध वार्षिक परीक्षा- कनाडिया रोड स्थित निजी स्कूल के पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले हर्शिल शर्मा के रिजल्ट में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंक नहीं जोड़े है। 60 अंक की मुख्य परीक्षा और 20-20 अंक के अर्द्ध वार्षिक व प्रोजेक्ट है। इनमें 35 फीसद अंक लाना जरूरी है। अंकसूची में प्रोजेक्ट मार्क्स मिले है। पर अर्द्ध वार्षिक नहीं दर्शाए है। मुख्य परीक्षा में पास होने के बावजूद विद्यार्थी रिजल्ट में फेल हो गया है।
सभी विषयों में पास पर अंकसूची में फेल
खजराना सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली विनिता सेन मुख्य परीक्षा में सभी विषयों में पास है। मगर अंकसूची में अनुर्तीण दर्शाया है। पूरक परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद छात्रा अपने माता-पिता के साथ तीन बार स्कूल के चक्कर लगा चुकी है। पर समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
अंकसूची में सुधार के लिए लगा रहे चक्कर
अंकसूची सुधारवाने के लिए विद्यार्थियों को स्कूल और जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ रहे है। इस बारे में शिकायत पूरे प्रदेशभर से राज्य शिक्षा केंद्र मुख्यालय तक पहुंची है। अधिकारियों ने एजेंसी को नोटिस देकर जवाब मांगा है।
स्कूलों का जीरो रिजल्ट रहा
2022-23 सत्र में सरकारी के साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा करवाई। जल्दबाजी में परीक्षा करवाने में विद्यार्थियों को केंद्र आवंटित करने में गड़बड़ी हुई। मुख्य परीक्षा परिणाम जारी होते समय कई स्कूलों का जीरो रिजल्ट रहा। इसके चलते केंद्र ने मेरिट विद्यार्थियों की सूची नहीं निकाली। यहां तक कि हजारों की संख्या में विद्यार्थी एक से दो विषय में फेल हो गए। आनन-फानन में केंद्र ने जून में पूरक परीक्षा करवाई।