ब्रेकिंग
हरदा: भा.ज.पा. सरकार पार्षदों के अधिकार कुचल रही है, लोकतंत्र की हत्या कर रही है!   नगर पालिका अध्यक... नर्मदा नदी : आओ मिलकर जीवन दायिनी मां नर्मदा को स्वच्छ सुंदर रखे, स्नान करते समय साबुन शैंपू का उपयो... MP में प्राइवेट स्कूल में बच्चों का FREE Admission! MP RTE Admission 2025-26 का पूरा शेड्यूल जारी, ज... PM Kisan की 20वीं किस्त इस तारीख को खाते में? ₹2000 के लिए फ़ौरन चेक करें PM Kisan Gramin Beneficiary... हरदा: चोरी की बाइक के साथ पकड़ाया आदतन बदमाश , आरोपी पर भोपाल, सीहोर थाना क्षेत्र में कई केस दर्ज हंडिया: नर्मदा नदी में स्नान करते समय एक मासूम डूबा ,हुई मौत, मां का रो रोकर बुरा हाल सामूहिक विवाह सम्मेलन संपन्न -मध्यप्रदेश बिश्नोई समाज का 34 वा सामुहिक विवाह सम्मेलन श्री जम्भेश्वर ... हरदा: जिला और ब्लॉक स्तर पर ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर 1 मई से आयोजित होंगे Aaj ka rashifal: आज दिनांक 27 अप्रैल 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे हरदा: ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को मिलेगा मात्र 5 रुपये में नवीन विद्युत कनेक्शन, जाने कैसे करे ...

निशाने पर कमल नाथ, 42 साल पुराने गढ़ छिंदवाड़ा में भाजपा कर रही घेराबंदी

मकड़ाई समाचार भोपाल। कांग्रेस के दिग्गजों को उनके गढ़ में घेरने की भाजपा की रणनीति में अब निशाने पर कमल नाथ हैं। हाईकमान छिंदवाड़ा में उन कमजोर कड़ियों का अध्ययन करा रहा है, जिससे कमल नाथ को शिकस्त दी जा सके। 25 साल पहले सुंदरलाल पटवा ने यहां कमल खिलाया था, उसके बाद भाजपा को यहां जीत नहीं मिल सकी है। 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रहलाद पटेल ने ताल ठोकी थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटें भाजपा के खाते में गईं, लेकिन छिंदवाड़ा कमल नाथ का अभेद्य किला बना रहा। तब कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ ने यहां से जीत दर्ज की थी।

2024 में इसे भी फतह करने की तैयारियां भाजपा ने शुरू कर दी हैं। रणनीति है कि कमल नाथ को 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके गढ़ तक ही सीमित कर दिया जाए, ताकि वे प्रदेश में कांग्रेस के प्रचार के लिए भी वक्त न निकाल पाएं। यही वजह है कि पार्टी ने दो साल पहले से ही लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने देश की 156 ऐसी संसदीय सीटों को चिह्नित किया है, जो बेहद कमजोर हैं और पार्टी लंबे समय से चुनाव नहीं जीत पाई है। इसमें मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट भी शामिल है।

- Install Android App -

कार्यकर्ताओं से बात करने पहुंचे गिरिराज

2019 के चुनाव में भाजपा ने आदिवासी चेहरा नत्थन शाह को टिकट दिया तो हार का अंतर 37 हजार536 पर आया। अब भाजपा यहां की कमजोर कड़ी का अध्ययन कर रही है कि आखिर पराजय का मुख्य कारण क्या है, समस्या कहां है? इन तथ्यों को जानने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आने वाले दो दिनों तक छिंदवाड़ा में कार्यकर्ताओं से बात करेंगे। इसकी रिपोर्ट आने के बाद पार्टी अपनी रणनीति बनाएगी। भाजपा ने 2024 में इस सीट को जीतने का लक्ष्य रखा है।

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद भाजपा को उन राज्यों से उम्मीदें बढ़ गई हैं, जहां आदिवासी सीटों की खासी संख्या है या कह सकते हैं कि जहां कई सीटों पर आदिवासी समुदाय का प्रभाव है। ऐसे राज्यों में मध्य प्रदेश भी शुमार है। 2018 में मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय के मुंह फेर लेने से भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बाहर हो गई थी। अब बदली हुई परिस्थितियों में पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी समुदाय का एक तरफा समर्थन हासिल करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।