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हरदा न्यूज़ : आंखों के फर्जी कैम्प,: स्वास्थ्य विभाग अनजान, बिना अनुमति के चल रहे फर्जी आंखों के कैम्प से रहें सावधान !

मकड़ाई समाचार हरदा । सावधान ! यदि आपके गांव में अप्रशिक्षित फर्जी लोग अपनी दुकान धंधे के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर के नाम पर आपको इकट्ठा कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है।  हरदा स्थित एक चश्मे की दुकान का बैनर लगाके हरदा के ही एक नामी आंख के डॉक्टर के हॉस्पिटल के सौजन्य (डॉ कैम्प में मौजूद नहीं थे) से गांव गांव आंखों की जांच के केम्प लग रहे है।

हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग से ऐसे किसी कैम्प की वैध अनुमति भी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी संचालित ऐसे अवैध कैम्प से अनजान हैं ।

जब मकड़ाई एक्सप्रेस ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हरदा को ऐसे कैम्प के बारे में बताया तो उन्होंने अनुमति से इनकार करते हुए कठोर कार्रवाई करने की बात कही।

यहां सवाल उठता है कि आखिर किस तरह ग्राम पंचायत अध्यक्ष सचिव के होते हुए  गांव में ऐसे कैम्प लग रहे हैं जो स्वास्थ्य विभाग की अनुमति से रहित हैं।

अब ये जांच का विषय है कि गांव के सीधे सादे बुजुर्गों की आंखों की जांच कर उन्हें क्या सलाह मशविरा  दिया गया ? कहीं ये कैम्प गांव गांव से हरदा के नामी डॉ के लिए आंख के ऑपरेशन के मरीज जुटाने की कवायद तो नहीं थी?
जबकि प्रशासन समय समय पर आंखों के ऑपरेशन के लिए निःशुल्क कैम्प की व्यवस्था करता रहता है।

देखना यह है स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।

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क्या है मामला –  हरदा जिला के ग्राम झाड़बीडा में निःशुल्क  जांच शिविर का आयोजन माया ऑप्टीशियन हरदा बैनर के द्वारा लगाया गया ।  श्री साईं  हॉस्पिटल एंड आई केयर सेंटर के सौजन्य का उल्लेख बैनर में किया गया है।  साथ ही हरदा के एक दैनिक समाचार पत्र के सौजन्य का भी उल्लेख बैनर में है।

जिसमे बड़ी संख्या में बुजुर्गों ने आंखों की जांच कराई।  खुद को डॉ का स्टाफ का आदमी बताते हुए कुछ फर्जी लोगों ने  बाकायदा आखों की जांच की मशीन से आंख की जांच कर आंखों के नम्बर चेक करे।

मिली जानकारी में ग्राम बालागांव में ऐसे कैम्प का आयोजन किया गया था। वहां किन लोगों ने जांच की। क्या सलाह दी गई। स्वास्थ्य विभाग की जांच में खुलासा हो सकेगा।

सवाल यह उठता है –
अब मरीजों की किसतरह जांच हुई? क्या सलाह दी गयी। चश्मे के नम्बर निकालने वाले लोग कौन हैं । इसके पीछे कौन लोग हैं। आंखों की जांच की मशीन से  बिना डॉ के चश्मे के नम्बर निकालने वाले लोग कौन हैं। ये सब स्वास्थ्य विभाग की जांच में खुलासा हो सकेगा।

तो क्या सीएमएचओ के दस्तखत फर्जी हैं –  कोरोना काल में जब पूरी तरह से बन्द था । शहर की एक दुकान पर  आवेदक के आवेदन पत्र सीएमएचओ की अनुमति को दुकान संचालक ने फोटो फ्रेम करवा कर लटकाया था। जबकि विभाग के पास तत्कालीन सीएमएचओ के आवेदन पर अनुमति देने दस्तखत वाला कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। तत्समय हरदा मीडिया ने यह मामला प्रकाशित किया था। तत्कालीन कलेक्टर संजय गुप्ता ने जांच के आदेश दिए थे ।

क्या कहना है इनका –  हरदा सीएमएचओ  को मकड़ाई एक्सप्रेस ने मोबाइल पर ऐसे कैम्प से अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि  ” हमारे पास से किसी भी  प्रकार की कोई परमिशन नही ली गई ।  यह गलत है।  आपके द्वारा जानकारी दी गई  है।  कार्रवाही की जायेगी । “