ब्रेकिंग
सिराली: आदिवासी किसान ने अनाज व्यापारी पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, मंडी सचिव से की शिकायत, जाने गेहूं... शूटिंग सिखाने के बहाने मोहसिन हिन्दू लड़कियों से करता था गंदी हरकत: पुलिस को मोहसिन के मोबाइल में मि... Big breaking news: टिमरनी: करताना पुलिस ने पांच रेत माफियाओं को गिरफ्तार किया, भेजा जेल, दो ट्रेक्टर... मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और करोड़ों के कार्यों का भूमिपूजन किया: सिव... भारत के वीर सैनिकों के सम्मान में निकली तिरंगा यात्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हुए शामिल पत्नि की बेवफाई से दुखी पति ने खाया जहर:  जिम जाने के बहाने मकसूद खान से मिलती थी। मौसम बदलाव के साथ मंडी में अनाज भाव पर किसान की नज़र!  जानिए आज 22 मई 2025 मंडी मे अनाज के भाव किसान आक्रोश मोर्चा ने हरदा विधायक, सांसद का पुतला फूंका, किसान बोले , मुंग फसल खरीदी के लिए अभी तक ... Harda news: वार्ड क्रमांक 35 उड़ा में नल कनेक्शन काटे: नगर पालिका ने कई बार दी थी सूचना; जवाब न देने... हंडिया : जिम्मेदारों की घोर लापरवाही ! मां नर्मदा के सड़क घाट की ओर जाने वाले मार्ग पर बिछी कीचड़ की...

हंडिया : गांव-गांव जाकर प्रस्तुति दे रहे काठी लोकनृत्य के कलाकार

मकड़ाई समाचार हंडिया। मध्यप्रदेश के लोकप्रिय लोक नृत्य काठी के कलाकार मंगलवार को क्षेत्र में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए देखे गए। काठी नृत्य कलाकारों को देखकर दर्शकों की भीड़ बढ़ रही थी। मंगलवार को इन कलाकारों ने घर-घर जाकर प्रस्तुति दी। इस दौरान यह कलाकार ढोलक की ध्वनि पर आकर्षक प्रस्तुति दे रहे थे।

- Install Android App -

यह काठी लोक नृत्य विशेषकर संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। घर की सुहागिन महिलाएं काठी माता को विधि विधान के साथ पूजन अर्चन कर सुहाग का समान भेंट करती है। हर गांव जाकर मातृशक्ति पार्वती की पूजा स्तुति के गीत निमाड़ी बोली में गाते हैं। बदले में ग्रामीण इन्हें अन्न वस्त्र आदि भेंट करते हैं।
आस्था की इस जोत को इन लोगों ने हजारों वर्षों से जगाए रखा है। भारत की समस्त सांस्कृतिक गतिविधियां आस्थावान और मेहनतकश लोगों की आस्था और समर्पण भाव के कारण ही जीवित हैं। इसलिए भागदौड़ भरे इस समय में काठी लोक नृत्य के इन कलाकारों की ओर शासन द्वारा ध्यान देकर इस परंपरा को जीवित रखना चाहिएं। इस प्रकार के लोकगीत लोकनृत्य और पर्व आदि को हम नहीं बचा पाए तो हमारी पहचान नष्ट हो जाएगी। हम कितने ही आधुनिक क्यों ना हो जाएं लेकिन अपनी भारतीयता की पहचान को बनाए रखना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।