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मप्र वर्ष 2023 में होंगे विधानसभा चुनाव, पार्टियां ले रही फीडबैक ,हमारा विधायक कितने पानी में

मकड़ाई एक्सप्रेस भोपाल। यह साल प्रदेश की राजनीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।इस साल यहां पर विधान सभा चुनाव होने जा रहे है।देखा ये जा रहा है कि प्रदेश में कई स्थानों पर भाजपा मंत्रियों की रिर्पोट तैयार की जा रही है। वहीं कांग्रेस ने भी अपने अंातरिक स्तर पर जीती जाने वाली सीटो का फीडबैक लेना शुरु कर दिया है। कांग्रेस को आज भी बहुत उम्मीद कि यह चुनाव उनका जीता हुआ है और आमजनता उन्हें एक बार फिर मौका देगी।

कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में लडे़गी चुनाव

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कांग्रेस की ओर से कमलनाथ मुख्यमंत्री पद के लिए चुने हुए है। कांग्रेस कमलनाथ जी के नेतृत्व में मप्र में चुनाव लडे़गी।इधर भाजपा भी अपने उम्मीदवारों का फीडबैक ले रही है कि कौन नेता को किस विधानसभा क्षेत्र मे कितनी पैठ रखता है। इसको लेकर पार्टी अपने स्तर पर फीडबैक ले रही है। मतलब यह हो सकता है कि कुछ स्थानों पर चेहरे बदल जाए और नए चेहरे नजर आए। जिन विधानसभा का फीडबैक सही नही है वहां के उम्मीदवारों का चिंता बढ़ गई है। 65 वर्ष की आयु पार कर चुके नेताओं को अब चुनावी राजनीति से दूर रखा जाए। भाजपा ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 50 से ज्यादा विधायकों के टिकट काटे थे जिनमें कई बड़े दिग्गज चेहरे भी शामिल थे। पार्टी इस बार गुजरात और कर्नाटक के फार्मूले पर भी आगे बढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके चलते संभावना इस बात की जताई जा रही है कि भाजपा के 127 विधायकों में से आधे विधायकों तक के टिकट काटे जा सकते हैं।

मामा की लुभावनी योजनाएं
भजपा को पिछले चुनाव में भारी खामियाजा भुगतना पड़ा था। जिसको लेकर अब सावधान है। इस समय शिवराज सिंह  बहुत सी योजनाओ की घोषणा कर जनता को अपने पक्ष में लाने का भरसक प्रयास कर रहे हैै। आम  जनता पर ध्यान देना और सरकार मुलाजिमों को इग्नोर करना दुखदायी हो सकता है। विगत चुनाव में सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी का अहसास तो हो ही चुका है।
सरकार के सामने है,कई सारी चुनौतियां
भाजपा के सामने अतिथि शिक्षक का मसला भी सामने है जो कि सरकार से खासे नाराज है। इसके साथ पेंशनर भी ओल्ड पेंशन को लेकर शिवराज चोहान  से निवेदन कर चुके है आज भी रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी केे परिवार भूखें मरने की कगार पर है। शिक्षक भर्ती के मामले में कई ग्रेजुएट बीएड डीएड वाले विद्यार्थी उम्र की सीमा पार कर गए और उन्हे नौकरी नही मिली है। आज भी बेराजगार है। गैस सिलेंडर के मनमाने दाम 400 का सिलेंडर आज करीब 1200रुपये में आ रहा है। कांग्रेस कई बार इनको लेकर सरकार पर निशाना साध चुकी है। शिवराज सिंह चोहान  के लिए कठिन डगर है। विशेष रुप से आमजनता को विश्वास में लेना आसान नही है। जो भी घोषणाएं मामाजी कर रहे है। उससे कुछ लोगो फायदा होता है तो दूसरे इस बात से चिढ़ रहे है। हजारो शिक्षकों के पद खाली पड़े और बेरोजगार भी मगर व्यवस्थित पोस्टिग नही हो पा रही है।