नष्ट फसल को देखकर किसान ने की आत्महत्या, किसान घबराएं नहीं, फसल नष्ट होने पर करें संपर्क, मिलेगा मुआवजा
MP Krishi Samachar : मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में सुख की स्थिति है। सुखे के कारण खरीफ की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो सोयाबीन एवं अन्य खरीफ की फसलों में 60 से 70% तक का नुकसान हो गया है एवं कहीं-कहीं 100% नुकसान के समाचार हैं। इसके बावजूद प्रदेश सरकार की ओर से नुकसान का सर्वे करने संबंधी कोई दिशा निर्देश अभी तक जारी नहीं हुए हैं। यही कारण है कि किसान हताश एवं परेशान है।
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नष्ट फसलों को देखकर किसान कितने परेशान हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि किसान अब आत्महत्या करने लगे हैं। बीते दिन खंडवा जिले के एक किसान में नष्ट फसल को देखकर खेत में जाकर आत्महत्या कर ली। संकट की इस घड़ी में किसानों को हताश होने की आवश्यकता नहीं है किसान घबराएं नहीं फसल नष्ट होने पर मुआवजा मिलेगा इसके लिए कहां संपर्क करना होगा लिए सब कुछ जानते हैं…
यदि अब बारिश होती है तो भी नुकसान हो चुका
मानसून पर ब्रेक और तापमान के लगातार अधिक रहने से खेत से नमी खत्म हो चुकी है। ऐसे में पौध की बढ़त रुक गई और उसमें रोग होने लगे हैं। इन्हीं हालातों से नाउम्मीद हो चुके कुछ किसानों ने तो बिना किसी लाभ हानि की चिंता किए जुताई भी चालू कर दी है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बारिश का दौर अभी आएगा पर कृषि वैज्ञानिक अब बारिश को अधिक फायदेमंद नहीं मान रहे हैं, उनके मुताबिक 60 फीसदी या इससे अधिक नुकसान बारिश आने के बाद भी तय है। जिन किसानों के पास सिंचाई के खुद के साधन हैं वे बिजली न मिलने से चिंता में है।
फसल सूखी देख किसान ने की खुदकुशी
प्रकृति की मार और ऊपर से सरकार की लापरवाही ने खंडवा के एक किसान की जान ले ली। खेत पहुंचे किसान ने फसल की बर्बादी देख कीटनाशक दवा पी ली। परिवार वाले अस्पताल लेकर आए, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक सुखराम के परिजन का कहना है, डेढ़ माह पहले गांव में बाढ़ आई थी तो उसके दोनों बैल बह गए थे।
पटवारी फाइल बनाकर ले गया लेकिन मुआवजा नहीं मिला। फसल से उम्मीद लगाए बैठा था। लेकिन, पानी नहीं गिरा तो वो सूख गई। पिछले चार दिन से वह ज्यादा तनाव में था। यह घटना पुनासा तहसील के जलवा के पास देत गांव की है। यहां रहने वाला 24 वर्षीय किसान सुखराम पिता फत्तू पत्नी अवलासा के साथ खेत में गया था।
पत्नी जब खेत में काम कर रही थी तो सुखराम ने जहर पी लिया। तबीयत बिगड़ी तो वह पास रहने वाले दोस्त लल्लू के घर पहुंचा। लल्लू से उसने जहर पीने की बात कही। लल्लू ताबड़तोड़ बाइक पर बैठाकर उसे पास के अस्पताल ले गया। लेकिन मामला गंभीर था इसलिए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां सुखराम ने दम तोड़ दिया। इस बीच सुखराम के बयान तक नहीं हो पाए।
मूंदी पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। भाई चंदू का कहना है कि सुखराम हमारी और उसकी 6 एकड़ जमीन खुद जोतता था। करीब 4 लाख की फसल सूखने से वह तनाव में था। परिवार में पत्नी और डेढ़ साल की एक बेटी है।
सूखे के हालात, सोयाबीन 100% नष्ट
मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में इस साल बारिश असरदार नहीं रही है। खेतों के हालात बद से बदतर हो गए हैं। सोयाबीन फसल 100% नष्ट हो चुकी है। नष्ट फसलों को लेकर किसान प्रशासन के समक्ष मुआवजे की मांग कर रहा है। लेकिन अभी तक प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं अधिकारियों का कहना है कि अभी हमें इस संबंध में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
बारिश की अनिश्चितता ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। किसानों के पास सिंचाई के साधन तक नहीं हैं। वे जैसे तैसे फसलों को बचाने में लगे हैं। जबकि बारिश पर निर्भर किसान तो फसलों को बचा भी नहीं पा रहे। तेज धूप के चलते किसानों की फसलें मुरझा कर सूख गई है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। फल्लियों में ही अंकुरण होने से फसलें खराब हो जाएगी। इधर, जमीनी हकीकत बयां करती है कि, सोयाबीन फसल में 100% नुकसान है, सरकार का राजस्व नियम तो 60% से ज्यादा नुकसानी को ही 100% मानता है। ऐसे तत्काल मुआवजा राशि दिया जाना चाहिए।
सर्वे एवं मुआवजे को लेकर कहां करें शिकायत जानिए …
भले ही राज्य सरकार द्वारा फसल नुकसानी के संबंध में सर्वे का कोई निर्देश नहीं दिया है किंतु किसान फसल बीमा कंपनी से संपर्क करके अपनी फसलों का सर्वे करवा नष्ट फसलों का सर्वे करवाएं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग फसल बीमा कंपनियों के द्वारा फसल बीमा किया गया है इन सभी फसल बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर नीचे दिए जा रहे हैं किसान अपने जिले के लिए अधिकृत फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर संपर्क करके अपनी फसल की स्थिति के बारे में अवगत करवा ताकि फसल बीमा एवं मुआवजा की राशि मिल सके !
फसल बीमा योजना के अंतर्गत आने वाली बीमा कंपनियों की टोल फ्री नंबर
- एग्रीकल्चर इन्शुरेंस कंपनी 1800 116 515
- बजाज आलियंज इन्शुरेंस कंपनी 1800 209 5959
- भारती एक्सा जनरल इन्शुरेंस कंपनी 1800 103 7712
- चोलामंडलम MS जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 200 5544
- फ्युचर जनराली इंडिया इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 266 4141
- एचडीएफसी एर्गो जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 266 0700
- आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 266 9725
- इफको टोकियो जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 103 5490
- नेशनल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 200 7710
- न्यू इंडिया एशुरेंस कंपनी 1800 209 1415
- ओरिएंटल इन्शुरेंस 1800 118 485
- रिलायंस जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 102 4088 / 1800 300 24088
- रॉयल सुंदरम जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 568 9999
- एसबीआई जनरल इन्शुरेंस 1800 123 2310
- श्रीराम जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 3000 0000 / 1800 103 3009
- टाटा एआईजी जनरल इन्शुरेंस कंपनी लिमिटेड 1800 209 3536
- यूनाइटेड इंडिया इन्शुरेंस कंपनी 1800 4253 3333
- यूनिवर्सल जनरल इन्शुरेंस कंपनी 1800 200 5142