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टेसू आया टेस से, पैसा निकालो जेब से” बच्चों के अनोखे खेल से जिंदा है प्राचीन परंपरा

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 हंडिया। प्राचीन काल से ही क्षेत्र में टेसू उत्सव मनाने की परम्परा रही है पुरानी परम्परा का निर्वहन करते हुए क्षेत्र में टेसू उत्सव बच्चों के द्वारा बड़े ही उत्सव के साथ मनाया जाता हैं। इन दिनों बच्चे टेसू के पुतले को आकर्षक ढंग से सजाकर घरों- घर पहुंचते हैं। और गीत गाकर बदले में अनाज व नगद राशि एकत्रित करते हैं।

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यह बच्चे “टेसू आया टेस से पैसा निकालो जेब से” गीत गाकर आनंद व मस्ती से इस त्यौहार को मनाते हैं। यह त्यौहार एकादसी से प्रारंभ होकर शरद पूर्णिमा की रात्रि तक चलता है। बच्चों द्वारा बड़ी रोचकता के साथ गीत की प्रस्तुति दी जाती है इसके कारण इस त्यौहार को हर वर्ग समर्थन करता है। शरद पूर्णिमा के दिन इन बच्चों के द्वारा टेसू की बारात भी निकाली जाती है।

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस परंपरा का निर्वाह छोटे छोटे बच्चे करते आ रहे हैं । आधुनिकता के दौर में भी इन लुप्त हुए लोक उत्सव को जिंदा रखने के लिए बच्चो के प्रयासों की लोगों द्वारा प्रशंसा की जा रही है, वहीं बच्चों ने बताया कि इस परंपरा के निर्वाह के दौरान हमें जो राशि अथवा सामग्री मिलती है उसका उपयोग हम शरद पूर्णिमा को करते हैं।