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डेंगू ने बदला रूप, सिरदर्द बुखार के बिना ही लोग हो रहे शिकार

नई दिल्ली: राजधानी में डेंगू का नया रूप सामने आया है। अब तक सिरदर्द और बुखार से लोगों को बेहाल कर देने वाला डेंगू फीवर बेहद ही गुपचुप अंदाज में लोगों को अपना शिकार बना रहा है। विशेषज्ञों ने इसकी पुष्टि की है। नए रूप में लोगों को चपेट में लेेने वाले डेंगू से प्रभावित कई मरीज एम्स सहित दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञ डेंगू के इस नए अवतार को देखकर हैरान हैं।
एम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक के मुताबिक कुछ ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिन्हें न तो सिरदर्द की समस्या हुई और न ही बुखार आया लेकिन उनके प्लेटलेट्स कम थे और कमजोरी हावी थी। नतीजतन लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। एम्स के ही एक अन्य डॉक्टर ने जानकारी दी कि इस आशय में एक अध्ययन भी किया जा रहा है, जिसमें यह साबित हो चुका है कि डेंगू (एडिज) मच्छर के वायरस स्ट्रेन में बदलाव पाए गए हैं। हालांकि विशेषज्ञों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि डेंगू का यह नया स्ट्रेन जानलेवा नहीं है और यह लोगों के लिए राहत की बात है। डॉक्टरों का कहना है कि बावजूद इसके डेंगू को हल्के में लेने की भूल नहीं की जानी चाहिए और तमाम तरह की सतर्कता और जागरूकता बरती जानी चाहिए।
लक्षणों में बदलाव के साथ पहचान करना नहीं है आसान
सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के निदेशक और एचओडी प्रोफेसर जुगल किशोर ने बताया कि डेंगू मरीजों की पहचान के लिए बुखार और सिरदर्द को अभी तक आम लक्षणों के तौर पर देखा जाता था। डेेंगू मरीजों में 100 डिग्री फॉ.हा. तापमान बना रहता था। ऐसे मरीजों का उपचार पैरासिटामॉल और ग्लूकोज देकर किया जा रहा था। मगर नए लक्षण वाले डेंगू के उपचार को लेकर अब अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत पड़ रही है। एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि एम्स में अभी कुछ समय पहले ही एक 50 वर्षीय मरीज को डेंगू के नए लक्षणों के साथ भर्ती किया गया था। उसे बुखार और सिरदर्द नहीं था लेकिन डेंगू की पुष्टि हुई।
ऐसे पहचानें रोग को
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मरीज में ल्युकोपीनिया (वाइट सेल्स) काउंट में कमी और प्लेटलेट्स काउंट में कमी है और बुखार नहीं है फिर भी मरीज की डेंगू टेस्ट करनी चाहिए। इसके अलावा अगर बगैर ठोस कारण रक्तचाप में गिरावट आने के साथ कमजोरी महसूस हो रही है तो तत्काल विशेषज्ञ से परामर्श के बाद रक्त जांच करानी चाहिए।