ब्रेकिंग
हरदा: कृषि विभाग के संयुक्त दल ने ग्रामीण क्षेत्रों में मूंग फसल का किया निरीक्षण हरदा: महिला मोर्चा द्वारा लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300 वी जन्मजयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया... हंडिया: शराब माफिया ऑटो से भिजवा रहा अवैध शराब: हंडिया पुलिस ने देशी (लाल, सफेद) शराब व बियर के 141 ... सार्वजनिक भीड़ वाले इलाके में गड्डा दे रहा है बड़ी दुर्घटना का संदेश !  कल आ रहे हैं मुख्यमंत्री फि... टिमरनी: कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह के ऑफिशियल पेज से मंत्री विजय शाह को समर्थन, अधिवक्ता ने कांग्रेस... मकड़ाई समाचार के "नाम" ने एक गरीब आदिवासी युवक की मदद की। रिपोर्टर ने चालान कटने से बचाया लेकिन हेलम... बागेश्वर बालाजी सुंदरकांड की शानदार प्रस्तुती पर झूम उठे श्रोतागण बड़ी डकैती की योजना बना रहे बदमाशो को राणापुर पुलिस ने दबोचा व अवैध हथियार और बाइक जब्त की! Big breaking news: टिमरनी:अवैध रेत चोर माफिया के हौसले बुलंद, छापामार कार्यवाही करने पहुंची राजस्व ट... कमलनाथ मुख्‍यमंत्री होते तो आज किसानों का कर्जा माफ हो जाता!  कर्जमाफी जैसे कई फैसलों से कमलनाथ ने ...

KBC-10: 26/11 में आतंकियों से लिया लोहा, गोलियां लगने पर भी बचाई 150 की जान

मुंबईः कौन बनेगा करोड़पति-10 इस बार काफी खास है क्योंकि हाल ही में असम की वनिता जैन इस मंच से एक करोड़ रुपए जीत कर गई है। हालांकि सात करोड़ के जवाब पर उन्होंने क्विट कर दिया। वहीं शुक्रवार को केबीसी के मंच पर कर्मवीर एप‍िसोड में वो जाबांज आ रहा है जिसने 26/11 को हुए मुंबई पर आतंकी हमले में अपनी वीरत और साहस से 150 लोगों की जान बचाई थी। उनके इस साहस के लिए 26 जनवरी 2009 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा था। बुलंदशहर जिले में भटौना गांव के रहने वाले मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल पर हुए आतंकी हमले में आतंकियों का डटकर सामना किया। इस हमले के दौरान उन्हें तीन गोलियां लगीं-कान और फेफड़े पर।

- Install Android App -

कान में गोली लगने के बाद प्रवीण जानते थे कि सुनने में दिक्कत होने के बाद अब वे फिर से कमांडो नहीं रह सकते लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सेना से इस्तीफा देकर अपनी कमी को ताकत बनाया और धावक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। आज पूरा देश उनके जज्बे को सलाम करता है। केबीसी-10 के मंच पर पहुंचने अमिताभ बच्चन ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि ये देश के पहले द‍िव्यांग आयरनमैन हैं।

प्रवीण के मंच पर आते ही केबीसी के पूरे स्टूड‍ियों में तालियों की गड़गड़ा से उनका स्वागत किया गया। नौसेना से र‍िटायर होने के बाद एक अंतर्राष्ट्रीय धावक के रूप में पहचान बनाना उनके लिए आसान नहीं था। सबसे पहले उन्होंने नेवी पर्वतीय दल के लिए आवेदन किया, लेकिन मेडकिल आधार पर इसे खारिज कर दिया गया। फिर भी प्रवीण ने हिम्मत नहीं मानी और खुद को फिट साबित करने किए हर वो कोशिश की जिससे आज उनकी अलग पहचान बनी है। आखिरकार उनका सपना पूरा हुआ और उन्होंने 2014 में मैराथन की ट्रेनिंग शुरू की और फिर 18,380 फीट की ऊंचाई पर 12.5 घंटे में मैराथन पूरी कर पदक जीता।