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कुरुक्षेत्र युनिवर्सिटी सरस्वती नदी पर कोर्स प्रारंभ करेगी,, लुप्त सरस्वती पर होगें नवीन शोघ

हरियाणा। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में सरस्वती नदी पर एक विशेष कोर्स शुरु करने जा रही है। सरस्वती नदी के बारे में अभी तक कम जानकारी उपलब्ध हो पाई हैं।प्राचीन ग्रंथो के आधार पर संक्षिप्त जानकारी उपलब्ध हैं। इसके साथ अंग्रेजो के काल में भी इस पर रिसर्च हुई है। कुरुक्षेत्र युुनिवर्सिटी अगर इस पर कोर्स प्रारंभ कर रही है तो ये तारिफेकाबिल है। भारतीय इतिहास में सरस्वती नदी का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। प्राचीन मान्यता के अनुसार सरस्वती नदी हिमाचल के उपरी हिस्से से निकलकर हरियाणा के तमाम क्षेत्रो मे फैलाव होता है।

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इतिहास में उल्लेखित दस्तावेजों के अनुसार, सरस्वती नदी का प्रभाव क्षेत्र हरियाणा का कैथल, कुरुक्षेत्र और अंबाला से लगा क्षेत्र है। अब इसके इतिहास, वर्तमान और भविष्य को अब कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा।
कोर्स के करिकुलम को विश्वविद्यालय के सरस्वती शोध केंद्र और हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड मिलकर तैयार करेंगे। नए कोर्स में सत्र 2022-23 से ऐडमिशन शुरू होंगे। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने शनिवार को इस कोर्स को लेकर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा से बातचीत की। किरमच ने कहा कि इस कोर्स का उद्देश्य युवा पीढ़ी को सरस्वती नदी के प्राचीन इतिहास से रूबरू कराना है।भारतीय प्राचीन इतिहास एवं उससे जुड़ी बातों खुलकर सबके सामने आयेगी कोर्स केे जरिए युवा सरस्वती पर शोेध कर सकेंगें। है।

(नोट- सरस्वती नदी के उदगम स्थल को लेकर कई दावे है)