मकड़ाई समाचार खरगोन। क्रिसमस के दिन खरगोन जिले के उस परिवार के घर फिर से खुशियां लौट आई, जिनका बच्चा अस्पताल से चोरी हो गया था। खरगोन जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड से चोरी नवजात शिशु को बरामद करने में बड़ी सफलता पाई है। पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाली दो महिलाओ को भी हिरासत में लिया है। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात जिला अस्पताल से चार दिन का नवजात बच्चा चोरी हो गया था। मात्र 5 हजार रुपये के लिए नवजात की चोरी करने और खरीदने वाली दोनों महिला को कोतवाली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस आरोपी महिलाओं से पूछताछ कर रही है। इस मामले में और आरोपीयो की आशंका के चलते पुलिस महिलाओं से पूछताछ कर रही है। एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने खुद जिला अस्पताल पहुंचकर परिजनो को इस दौरान नवजात सौपा।
परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं था
पुलिस सहित एक दूसरे को मिठाई खिलाकर परिजनों ने जमकर खुशी मनाई। परिजनों का कहना था की आज ही बच्चे का नया जन्म हुआ है। गौरतलब है की एक आरोपी महिला जिला अस्पताल से बच्चा चोरी करके ले जाते सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। नवजात की चोरी का मामला बच्चा बेचने के रूप में सामने आ रहा है। मात्र 5 हजार रुपये के लिए आरोपी महिला ने दूसरी आरोपी महिला जिसकी दो लड़कियों थी लड़के की चाह में नवजात की चोरी करने की घटना को अंजाम दिया। जिला अस्पताल नवजात को परिजनो को सौपने पहुंचे एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने मीडिया को बताया की बच्चा चोरी करने के मामले कोतवाली पुलिस ने 24 घंटे में दो आरोपी महिलाओ को गिरफ्तार किया है।
बच्चा चोरी करने वाली महिला का पति जेल में बंद है आर्थिक तंगी के लिये मात्र 5 हजार के लिये बच्चा चोरी किया। दूसरी आरोपी महिला को दो लड़कियां थी उसने नवजात की चोरी कराई थी। सीसीटीवी फुटेज में बच्चा चोरी कर ले जाते महिला कैद हुई थी। कोतवाली पुलिस ने मुखबिरों की मदद से लगातार 24 घंटे में ही नवजात की चोरी का खुलासा किया है। इधर बच्चा मिलने की खुशी में पुलिस प्रशासन का शुक्रिया कर रहे बच्चे के नाना का कहना है की बच्चे का नया जन्म हुआ है। पुलिस ने बच्चे को सकुशल क्रिसमस के दिन सौपा है। कोतवाली पुलिस की जितनी तारीफ की जाए कम है पुलिस ने रात दिन एक कर बच्चे को ढूंढ निकाला है। हमें नई जिदगी मिल गई। गौरतलब है की तीन दिन पहले गोगांवा थाने के पीपलाई गांव के नेहा संदीप के बच्चे का जन्म बमनाला अस्पताल में हुआ। खून की कमी के चलते जिला अस्पताल खरगोन रिफर किया गया था।