भोपाल से 337 टन कचरा लेकर आए सभी 12 कंटेनर चार दिन से पीथमपुर स्थित संयत्र में ही खड़े हैं।जनता के बबाल ने उसे उतरने नही दिया।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर।भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्ष बाद यूनियन कार्बाइड का कचरा नष्ट करने के विरोध में धार जिले के पीथमपुर में बीते दो दिन हुए बवाल के बाद रविवार को पीथमपुर में शांति रही।
चप्पे चप्पे पर तैनात पुलिस
किसी भी प्रकार के उपद्रव से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन सतर्क है। अभी शहर की गलियों और मोहल्लों में पुलिस बल तैनात किया गया है।वही संयत्र के 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू है। संभागायुक्त और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक मय फोर्स के हालात का जायजा ले रहे हैं।
आज हाईकोर्ट मे होगी इस पर चर्चा
सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ में कचरे के निष्पादन पर राज्य सरकार को अब तक की अनुपालन आख्या प्रस्तुत करनी है।शासन स्तर पर इसकी तैयारी की गई है। अलबत्ता, विरोध के चलते अब तक पीथमपुर में कचरे का निष्पादन न किए जाने का कारण भी सरकार हाई कोर्ट में बताएगी। वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए हाई कोर्ट से अग्रिम आदेश का अनुरोध किया जाएगा।
आखिर क्यू हुआ विरोध
ज्ञात हो कि पीथमपुर के लोग रासायनिक कचरे से जनहानि की आशंका जाहिर करते हुए विरोध कर रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार की ओर से उन्हें लगातार इस बारे में आश्वस्त किया जा रहा है कि विशेषज्ञों की निगरानी में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कचरे के निस्तारण का निर्णय लिया गया है
विशेषज्ञों ने कहा कि कचरे को नष्ट करने से जलवायु को कोई नुकसान नहीं होगा। भोपाल से लाये कचरा इस संयत्र में उतरने ही न पाए, इसके लिए शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने पूरा पीथमपुर बंद रखा। उग्र प्रदर्शन किया। जाम लगाया। पथराव किया और दो भाजपा कार्यकर्ताओं ने आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया। आंदोलनकारियों ने संयत्र पर पथराव किया।