Ayushman Bharat Yojana : मोदी सरकार ने देश के सभी वर्गों के लिए बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए काफी सारी योजनाएं पेश कर रही है। इसके लिए सरकार के द्वारा आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Yojana ) पेश की गई है। ये देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य स्कीम है। इसमें निम्न आय और माध्यम वर्ग के करोड़ों लोगों को 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज का लाभ उठा सकते हैं। अगर आप भी मुफ्त इलाज का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप इस योजना में आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
Ayushman Bharat Yojana
आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Yojana ) के तहत लाभार्थियों को देश के सरकारी और प्राइवेट स्वास्थ्य घरों में 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज की सुविधा मिलती है। इसके साथ ही हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद 15 दिनों तक सारा खर्च सरकार की तरफ होता है। सरकार के आयुष्मान भारत कार्ड की खासियत ये है कि इसमें परिवार के सभी सदस्यों को उनकी आयु और संख्या को ध्यान में रखकर लाभ दिया जाता है। इस योजना के तहत आपको एक रुपये भी नकद रुप में नहीं देना होता है। सरकार की ये स्वास्थ्य योजना पूरी तरह से मुफ्त है।
Ayushman Bharat Yojana कार्ड के लिए ऑनलाइन कैसे आवेदन करें?
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले इस आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Yojana ) की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
- इसके बाद रजिस्ट्रेशन या फिर अप्लीकेश पर टैब करें।
- इसके बाद आपका नाम, आधार कार्ड डिटेल, लिंग, राशन कार्ड आदि की जानकारी डालनी होगी।
- इसमें ध्यान रखें कि दर्ज की गई सारी जानकारी बिल्कुल सही हो। इसके लिए एक बार क्रॉस चेक कर लें।
- इसके बाद मांगे गए सभी दस्तावेजों को अपलोड करें।
- आवेदन पूरा होने के बाद सबमिट पर क्लिक करें।
- सबमिट करने के बाद अधिकारी के द्वारा अप्रूवल मिलने के बाद आयुष्मान कार्ड मिल जाएगा।
Ayushman Bharat Yojana कार्ड के तहत इतने आस्पतालों में मिलता है मुफ्त ट्रीटमेंट
आयुष्मान कार्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस योजना में घोटाला किया गया है। जिसमें सरकारी और गैरसरकारी हॉस्पिटल आदि की कमियां आदि शामिल हैं। इस स्कीम के तहत तकरीबन 12.32 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। लेकिन इस रकम को जमा करने में असमर्थ हैं। हेल्थ विभाग ने सीएजी को स्पष्ट रुप से बताया है कि लाभार्थियों के सत्यापन में मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Yojana ) में लाभार्थियों को ई-केवाईसी के माध्यम से पहचाना जा रहा है।