ब्रेकिंग
पुलिस चौकी पर ब्लास्ट करने वाले 3 आतंकी ऐनकाउंटर में ढेर,गुरुदास पुर मे 2 पुलिस चौकी पर किया था ब्ला... 25 दिसंबर से ठंड और बारिश का दौर शुरू, जानिए मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा असर Weather Forecast Lado Laxmi Yojana Haryana: महिलाओं के लिए हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा, हर महीने ₹2100  Maiya Samman Yojana 2500 List: जानें कैसे चेक करें मंईयां सम्मान योजना ₹2500 की नई लिस्ट! 1 जनवरी से बढ़ेंगे DAP और अन्य खाद के दाम जानें नई कीमतों की पूरी लिस्ट Ladli Behna Yojana: लाडली बहना योजना में तीसरा चरण शुरू होगा? जाने महिला एवं बाल विकास मंत्री ने क्य... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 23 दिसंबर 2024 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे! Budget 2025: क्या PM Kisan की राशि बढ़कर ₹10,000 होगी? किसानों को बजट से मिल सकती है बड़ी राहत! कलयुगी छोटे भाई ने बुजुर्ग बड़े भाई और बुजुर्ग बेबा बहन के साथ की धोखाधड़ी, बुजुर्ग भाई बहन जनसुनवाई... Ladki Bahin Yojana: December की किस्त कब आएगी? मुख्यमंत्री ने दी बड़ी खुशखबरी!

भोपाल किसान आंदोलन: MSP की गारंटी और कर्जमाफी की मांग लेकर सड़कों पर उतरे हजारों किसान

भोपाल किसान आंदोलन: भोपाल की सड़कों पर सोमवार, 30 सितंबर को एक अलग ही नजारा देखने को मिला। राज्यभर से हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर नीलम पार्क में जुटे। किसानों की मांग साफ है—कर्जमाफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी। वे चाहते हैं कि सरकार फसलों की सही कीमत दे और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाए।

किसानों का आक्रोश और नारेबाजी

सुबह 11 बजे के करीब जब किसान राजधानी भोपाल में नीलम पार्क पहुंचे, तो माहौल में जोश था। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि सोयाबीन जैसी फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है, और यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है। इस बार उन्होंने सीधे मांग रखी कि सोयाबीन पर 8000 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए।

यह भी पढ़े:- पीएम किसान योजना की 18वीं किस्त के लिए केवाईसी है जरूरी अक्टूबर की इस तारीख को आएंगे ₹2000 

इस आंदोलन में शामिल प्रमुख किसान नेता और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम का कहना है कि किसानों की प्रमुख मांगों में से एक है C2+50% फार्मूले के आधार पर MSP की कानूनी गारंटी। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किसानों को उनकी लागत से 50% ज्यादा मूल्य मिलना चाहिए। इसी के लिए किसान संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें फसलों के सही दाम दिलाए।

किसान नेताओं का कहना है कि जब तक MSP पर कानूनी गारंटी नहीं मिलेगी, तब तक किसानों की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा। वे चाहते हैं कि गेहूं, चना, मक्का जैसी फसलों के लिए भी सही MSP मिले, ताकि उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।

किसानों की प्रमुख मांगें क्या हैं?

- Install Android App -

किसानों की मांग सिर्फ MSP तक सीमित नहीं है। वे संपूर्ण कर्जमाफी की भी मांग कर रहे हैं। डॉ. सुनीलम के अनुसार, किसानों के कर्ज को पूरी तरह माफ किया जाना चाहिए, ताकि वे बिना किसी आर्थिक दबाव के खेती कर सकें। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं जैसे अतिवृष्टि से हुई फसल बर्बादी का मुआवजा देने की मांग भी इस आंदोलन का अहम हिस्सा है। किसानों का कहना है कि सरकारी सर्वे कराकर सही मुआवजा दिलवाया जाए और फसल बीमा का भुगतान भी समय पर हो।

यह भी पढ़े:- पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद, कच्चा तेल 71 डॉलर के करीब 

किसानों ने यह भी मांग की है कि अगर कोई किसान बिजली का करंट लगने, सर्पदंश या जानवरों के हमले से मरता है, तो उसके परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। साथ ही, वन अधिकार के तहत किसानों को दी गई जमीन पर उनका कब्जा दिलाने की भी मांग उठाई गई है।

आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से फसल नुकसान का मुआवजा भी किसान चाहते हैं, जो उनकी लागत से डेढ़ गुना हो। इसके अलावा, गरीब परिवारों को पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के तहत गेहूं, चावल के साथ दाल, शक्कर और केरोसिन भी दिया जाए, ताकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकें।

यह आंदोलन शाम 4 बजे तक चला। इसके बाद किसानों ने प्रशासन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तो वे आगे भी आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों का यह आंदोलन उनके संघर्ष और उनके हक की लड़ाई का हिस्सा है, जो तब तक खत्म नहीं होगी जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।

कुल मिलाकर, यह आंदोलन किसानों के अधिकारों और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है।

यह भी पढ़े:- राशन कार्ड की ग्रामीण सूची हुई जारी, ऐसे देखे अपना नाम