किताबों पर क्यूआर कोड तो असली लगाया मगर इन किताबों पर वाटर मार्क नदारद है|
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल। शिक्षा सत्र 2024 का 1 अप्रेल को प्रारंभ होते ही स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया गया। इस दौरान छात्रो के लिए अभिभावकों द्वारा स्कूली किताबें ,कापियां, यूनिफार्म आदि सामग्री क्रय की गई।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ जगहों से शिकायतें मिली है कि एनसीईआरटी की नकली किताबें बेंची जा रही इन किताबों पर क्यूआर कोड तो असली लगाया मगर इन किताबों पर वाटर मार्क नदारद है। इससे किताबों की सच्चाई पर संदेह उत्पन्न हो रहा है। अभिभावक खुद को ठगा महसूस कर रहे है।
राजधानी में बिक रही नकली किताबों में यह गायब है। एनसीईआरटी की नकली किताबों को बेचा जा रहा है। राजधानी में स्कूली बच्चों किताबों के गोरखधंधे में अभिभावकों को चारों से तरफ से लूटा जा रहा है। कुछ स्कूलों की विशेष दुकानों से अब भी कापी.किताब बेचे जा रहे हैं। निजी प्रकाशकों द्वारा एनसीईआरटी की नकली किताबें बेची जा रही है। इन किताबों पर क्यूआर कोड ओरिजनल लगाया गया है। जिससे यह किताब असली लगे, लेकिन नकली किताब बेचने वाले वाटर मार्क नहीं लगा पाए। एनसीईआरटी की असली किताबों में अंदर के पेज पर एनसीईआरटी का वाटर मार्क होता है। राजधानी में बिक रही नकली किताबों में यह गायब है। बताया जाता है कि यह नकली किताबें अधिकांश सीबीएसई स्कूलों से सांठगांठ कर किताब बेचने वाले बुक सेलर द्वारा अपने पब्लिकेशन में छापी जाती है। नकली किताब बेचकर शासन को लाखों की चपत लगाई जा रही