हरदा: आज पुरे प्रदेश मे किसान अपनी सोयाबीन, मक्का, धान की उपज का दाम वाजिब मिले इसके लिए गांधी वादी तरीके से आंदोलन। कर रहा है लेकिन भाजपा सरकार आए दिन किसानों के साथ छलावा कर रही है ज़ब सरकार ने देख की किसानो का आंदोलन पुरे प्रदेश मे बड़ा रूप ले रहा है।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाते हुए पूर्व किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन विश्नोई ने कहा कि
सरकार ने किसानों को गुमराह करने के लिए सोयाबीन को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा कर दी ताकि किसानो का आंदोलन कमजोर हो जाए लेकिन किसानों को 4892 रूपये प्रति क्विंटल का भाव जो सोयाबीन का समर्थन मूल्य है।
इसमें किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल है ।
श्री विश्नोई ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की आया 2022 तक दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन आया तों नहीं बड़ी लागत जरूर चार गुना बड़ गई है सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी का जो आदेश निकाला है उसमे एफ ए क्यू का कोई मापदंड नहीं दिया गया है सरकार को मापदंड स्पष्ट करना चाहिए था।
जैसे ही खरीदी का आदेश हुआ और मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कार्पो. फिल्ड स्टाप एम्प्लाईज एसोसिएशन ने एक पत्र जारी कर दिया की सोयाबीन मे घटत ज्यादा होती है इसलिए उनको भंडार मे दिक्क़त आएगी इसका मतलब वेयर हाउस वालो को लूटने की छूट दी जाए इसका सीधा मतलब है।
गांव बसा ही नहीं और आग लगाने वाले तैयार हो गए है किसानों को अब और जागरूक होने की जरुरत है हमें आंदोलन को गांव गांव और मजबूत करना चाहिए अब हमें गांव गांव धरने शुरू करना चाहिए सरकार केवल गुमराह कर रही है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी भी 25 अक्टूबर से करने के आदेश है तब तक किसानों की 40 % मक्का की बोनी हो जाएगी किसानों को तत्काल खाद बीज के लिए पैसा चाहिए ऐसे मे किसान मंडियो मे ओने पौने दाम पर सोयबीन बेचने को मजबूर होगा ऊपर से दो दिन से भारी बारिश हो रही है किसानों की सोयाबीन कटी हुई पड़ी है वो ख़राब हो रही है सरकार को किसानों से पूरा सोयाबीन समर्थन मूल्य पार खरीदना चाहिए भाव सोयाबीन का 6000 होना चाहिए नहीं तों अब आंदोलन उग्र होने ।