हर गली-मोहल्ले में खुल रहे कोचिंग संस्थान जिन्होंने छात्रों को 100 प्रतिशत पास होने का वादा किया है, उन्हें शिक्षा विभाग ने नजरबंद करने का आलम किया है। सरकार ने निजी कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का फैसला किया है।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 पटना : राज्य के कोचिंग संस्थानों में इन सरकारी शिक्षकों के प्रवेश से जुड़े रिपोर्ट्स के बावजूद, जो नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, वे अपनी नौकरियों से बर्खास्त हो सकते हैं। राज्य सरकार इस मामले में कठोर कदम उठाने का निर्णय कर चुकी है। कोचिंग संस्थानों में इन शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए, राज्य ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर कोचिंग में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों को चिह्नित करके उनके बारे में पूरा ब्योरा सभी जिलों से मांगा गया है। यह जानकारी 10 जनवरी तक उपलब्ध करानी है। शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार, सभी जिलों में कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों की पहचान के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
कोचिंग संस्थानों को शपथ पत्र देना होगा– इस मामले में, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला प्रखंड पदाधिकारियों, और विद्यालयी निरीक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा दिशा दी गई है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके जिला में कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग में पढ़ा नहीं रहे हों। इन शिक्षकों की जानकारी निश्चित तिथि तक शिक्षा विभाग को प्रस्तुत की जानी चाहिए। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कदम उठाने की सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चौधरी मोहन गुर्जर मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है | आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है। आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है |