हरदा: कार्यालय में आने वाले नागरिकों से अच्छा व्यवहार करें और उनके कार्य समय पर करें -संभागायुक्त श्री तिवारी
अधिकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह निभाकर सुशासन स्थापित करे -डॉ. अशोक कुमार भार्गव
सुशासन सप्ताह के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
हरदा। सुशासन सप्ताह के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला सोमवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित हुई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि सभी अधिकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निभाएं तभी सुशासन स्थापित होगा। उन्होने कहा कि हम अपने आचरण और व्यवहार से भी सुशासन ला सकते है। कार्यशाला में नर्मदापुरम् संभाग के कमिश्नर श्री के.जी. तिवारी, कलेक्टर श्री आदित्य सिंह, जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती सविता झानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती राजेश्वरी महोबिया, संयुक्त कलेक्टर श्री सतीश राय व सुश्री रजनी वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। कार्यशाला का शुभारम्भ अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर जिला प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि विभाग तथा पशु पालन विभाग द्वारा किये गये नवाचारों पर केन्द्रित शार्ट फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यशाला में स्वामी विवेकानन्द कॉलेज के सहायक प्राध्यापक श्री गौरव बिल्थरिया ने भारत में सुशासन विषय पर विस्तार से व्याख्यान दिया।
डॉ. अशोक भार्गव ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन के लिये संवेदनशीलता जरूरी है। उन्होने कहा कि कौटिल्य ने कहा था कि प्रजा का हित ही राजा का हित होता है और प्रजा का सुख ही राजा का सुख होता है। यह सुशासन का सबसे अच्छा उदाहरण है। उन्होने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिस राम राज्य की कल्पना की थी, वह सुशासन की सबसे बेहतर व्यवस्था थी।
डॉ. भार्गव ने इस अवसर पर कहा कि हमने अंग्रेजों के संघर्ष कर ‘‘स्वराज’’ तो पा लिया, ‘‘सुराज’’ लाने के लिये अभी भी प्रयास करने होंगे। उन्होने कहा कि प्राचीन काल में भी भारत में सुशासन स्थापित था। डॉ. भार्गव ने इस अवसर पर कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का ‘‘एकात्म मानववाद’’ का सिद्धान्त कहता है कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सरकार पहुँचे और उसे सरकार की योजनाओं का लाभ मिले। उन्होने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में इसलिये मनाया जाता है क्योंकि उनके नेतृत्व में सरकार ने देश में सुशासन स्थापित करने की दिशा में उल्लेखनीय निर्णय लिये है। डॉ. भार्गव ने कहा कि स्व. श्री वाजपेयी द्वारा प्रारम्भ की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा नदी जोड़ो परियोजना आम नागरिकों के लिये सुशासन के सबसे अच्छे उदाहरण है।
कमिश्नर श्री तिवारी ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि सभी अधिकारी कर्मचारी शासकीय कार्यालय आने वाले नागरिकों के कार्य समय पर करें, उनसे अच्छा व्यवहार करें तथा कार्यालय समय पर पहुँचें।
उन्होने कहा कि अधिकारियों को निर्धारित समय से पूर्व कार्यालय पहुँचना चाहिए तभी उनके अधिनस्थ कर्मचारी समय पर कार्यालय आयेंगे। श्री तिवारी ने कहा कि हम दूसरों से अपने प्रति जैसे व्यवहार की उम्मीद करते है, वैसा ही व्यवहार हमें दूसरों से करना चाहिए। उन्होने कहा कि हमें अपने आप पर कभी घमण्ड नहीं करना चाहिए क्योंकि भविष्य का कोई ठिकाना नहीं कि अगले पल क्या हो जाए। कमिश्नर श्री तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारी कर्मचारी नागरिकों से जैसा व्यवहार करते है, वैसी ही सरकार की छवि नागरिकों की नजर में बनती है।
कलेक्टर श्री सिंह ने इस अवसर पर स्वागत उद्बोधन में कहा कि सुशासन सप्ताह के अंतर्गत ‘‘प्रशासन गांव की ओर’’ अभियान आयोजित कर ग्रामीणों के आवेदनों का उनके गांव में शिविर लगाकर निराकरण किया जा रहा है। उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के अंतर्गत जनकल्याण शिविर ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में आयोजित किये जा रहे है। इन शिविरों में अभी तक 1200 से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। उन्होने जिला प्रशासन के हृदय अभियान व दंत शक्ति अभियान जैसे नवाचारों के संबंध में इस अवसर पर बताया।
सहायक प्राध्यापक श्री बिल्थरिया ने विस्तृत प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्राचीन काल से लेकर आज तक सुशासन के क्षेत्र में किये गये प्रयासों के बारे में बताया।
उन्होने बताया कि प्राचीनकाल में राजा का राज्य होता था लेकिन अब राजा का राज्य नहीं बल्कि कानून का राज्य होता है। उन्होने कहा कि देश में विकास के लिये कानून का शासन होना जरूरी है तथा विकास के लिये प्रशासन के प्रति नागरिकों का विश्वास होना भी उतना ही जरूरी है। सुशासन में भ्रष्टाचार के लिये कोई स्थान नहीं होता। उन्होने कहा कि सूचना का अधिकार देश में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता आई है। कार्यशाला के अंत में आभार प्रदर्शन संयुक्त कलेक्टर श्री सतीश राय ने किया। कार्यशाला का संचालन श्री आशीष साकल्ले ने किया।