हरदा। कलेक्टर श्री आदित्य सिंह ने सोमवार शाम को आयोजित बैठक में उपस्थित कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को जैविक व परम्परागत खेती के फायदे बताएं तथा उन्हें नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दें। उन्होने बैठक में कृषि के साथ-साथ पशु पालन, उद्यानिकी, सहकारिता, डेयरी व मछली पालन विभाग की योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये कि उपलब्ध बजट का बेहतर ढंग से उपयोग करें तथा विभिन्न योजनाओं के तहत जिले को प्राप्त बजट को किसी भी स्थिति में समर्पित न करें।
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को पॉली हाउस, ड्रिप सिंचाई पद्धति, स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति व शेड नेट के उपयोग से होने वाले फायदे के बारे में प्रशिक्षित करें।
उन्होने पशु चिकित्सा व डेयरी विभाग के अधिकारियों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये मिल्क रूट विकसित करने के लिये भी कहा। उन्होने मण्डी सचिव को निर्देश दिये कि कृषि उपज मण्डी में किसानों की सुविधा वृद्धि के लिये विकास कार्यों हेतु प्रबन्ध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल को अधोसंरचना विकास संबंधी कार्यों की स्वीकृति के लिये प्रस्ताव भेजें। उप संचालक पशु चिकित्सा ने बैठक में बताया कि इस वित्तिय वर्ष में अभी तक 1645 पशु पालकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जा चुके है।