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Ghotala : एम्स में पांच करोड़ का घोटाला, वित्त विभाग के अधिकारियों ने की करोड़ों रुपयें की हेराफेरी

    नोटिस के दौरान नौकरी छोड़ने वाले डाक्टरो से ली गई राशि को एम्स के खाते में जमा ही नही की फाइनेंस एंड अकाउंट विभाग ने जमा किए गए डिमांड ड्राफ्ट को लेनदेन कर लौटाया और दबा ली रकम।

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ;एम्स के फाइनेंस एंड अकाउंट विभाग में करोड़ो की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है। गड़बडी की आशंका के चलते एम्स ने 3 सदस्यो की एक टीम गठित की जिन्होने पहली जांच में ही 30 लाख रुपये की हेराफेरी पकड़ी अब विगत 5 वर्षो के विभागीय दस्तावेजो की जांच की जायेगी।

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मामला यह है कि एम्स में नौकरी छोड़ने से पहले डाक्टरों को नियमानुसार तीन महीने पहले आवेदन के माध्यम से प्रबंधन को इसकी सूचना देनी पड़ती है। जो डाक्टर इस अवधि को पूरा किए बिना यदि बीच में नौकरी छोड़ता है, तो उसे नोटिस पीरिएड के बचे दिनों में बनने वाले वेतन की राशि का भुगतान करना पड़ता है।

करोड़ों का घोटाला –

एम्स के बहुत से डाक्टरों ने नोटिस पीरिएड में नौकरी छोड़ी है। ऐसे में यहां के फाइनेंस एंड अकाउंट विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दो प्रकार से खेल किया है। पहला, डाक्टरों से राशि लेकर नई रसीद के बदले तीन-चार वर्ष पुरानी रसीद दे दी और उस राशि को एम्स के खाते में जमा ही नहीं किया। दूसरा, जिन डाक्टरों ने डिमांड ड्राफ्ट जमा किया उन्हें कुछ समय बाद लेनदेन करके डिमांड ड्राफ्ट लौटा दिया और इस राशि का गबन कर लिया।