Harda : जिला पंचायत सीईओ साहब भ्रष्टाचार के दल-दल में डूबी ग्राम पंचायत हंडिया में कब होगी जांच कब होगी कार्यवाही, पूछ रहा हंडिया नगर
अमानत में खयानत कर लाखो रुपए पंचायत के खाते से हड़प करने वालो पर नही हो रही कोई कार्यवाही, आंखो पर पट्टी बांधकर बैठे जिम्मेदार अधिकारी –
हंडिया : जीवन दायिनी मां नर्मदा के तट पर बसी धार्मिक नगरी हंडिया में वर्ष के बारह महीने हजारों लाखो श्रद्धालु आते है। लेकिन यहां जिस गली में देखो वहा सिर्फ गंदगी कीचड़ और सड़को पर बहता पानी आपको देखने को मिलेगा। ग्राम पंचायत हंडिया के कर्ता धर्ता सरपंच सचिव और परमानेंट ठेकेदार ने पूरी ग्राम पंचायत को अपनी खुद की जागीर समझ ली। यहां जमीनी हकीकत ये है की कागजों में साफ सफाई जेसीबी से नाली निर्माण सहित अन्य कार्यों के नाम से हजारों रुपए कागज में निकल गए लेकिन यहां आज भी कई मोहल्ले ऐसे है। जहा लोगो को मुंह पर कपड़ा रखकर निकलना पड़ता है।
वही दूसरी ओर इस ग्राम पंचायत में कई अपात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिया गया। अगर हम बात करे तो कई ऐसे लोग है। जिनके घर के बाहर फोर व्हीलर वाहन ट्रेक्टर खड़े है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो लाखो रुपए इनके बैंक खातों में जमा हो रहा है। इसमे कुछ सरकारी तो कुछ गांव ठेकेदार है। जो है तो अमीर लेकिन गरीब बनकर बैठे गरीबों की योजनाओं को डकार रहे। सरकारी कंट्रोल की दुकान से गल्ला लेकर फिर बेच रहे है। वही ग्राम पंचायत के कम पढ़े लिखे सरपंच साहब को सचिव और ठेकेदार मिलकर गुमराह करते हुए जमकर मलाई डकार रहे है।
बीते दिनों मकड़ाई एक्सप्रेस ने लगातार ग्राम पंचायत की जमीनी हकीकत और फर्जी तरीके से सरपंच सचिव और परमानेंट ठेकेदार इमरान खान जो की कांग्रेस नेता भी है। उनके द्वारा बिल वाउचर लगाकर विभिन्न कार्यों के नाम से लाखो रुपए की राशि ग्राम पंचायत से निकाली गई। उसको लेकर प्रमुखता से जिम्मेदार अधिकारी जनपद जिला पंचायत का ध्यान आकर्षित कराया लेकिन कार्यवाही नही हुई। अगर इस ग्राम पंचायत में ईमानदारी से जांच दल बनाकर कार्यवाही हुई तो। बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है। इतना ही नहीं चर्चा तो यह भी है। राजस्व की जमीन पर पूर्व में दिए गए कई सरकारी पट्टे भी खूब मंहगे दामों पर बिके लेकिन किसी भी सक्षम अधिकारी तहसीलदार पटवारी और जनपद सीईओ और जिला पंचायत के अधिकारियों के कानो तक जु तक नहीं रेंगी।
ग्राम पंचायत सरपंच सचिव के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से कार्य करवाए जा रहे। फर्जी बिल वाउचर लगाकर हजारों लाखों रुपए व्यक्ति विशेष सिर्फ एक ठेकेदार को भुगतान किया जा रहा है। जिस ठेकेदार के पास न तो जेसीबी है न ही कही दुकान उसके बाद भी रेत गिट्टी सीमेंट लोहा बिना जीएस्टी के बेचा जा रहा है। ये ठेकेदार मनरेगा में मजदूर भी है। जिस व्यक्ति के विभिन्न बैंक खातों में प्रति माह हजारों लाखों रुपए आ रहा वो गरीब केसे।
यह सब जांच का विषय है। लेकिन देखना होगा कि जिले के मुखिया और जिला पंचायत सीईओ कब जागेंगे।