ब्रेकिंग
हरदा: कमल कुंज भाजपा कार्यालय में धूम धाम से मनाया भाजपा का 46 वॉ स्थापना दिवस* बिन माँ बाप की लड़की को सोहेल खान ने बनाया लव जिहाद का शिकार:  सोहेल खान ने राहुल शर्मा नाम से सोशल म... अयोध्या नगरी: भये प्रगट कृपाला दीन दयाला, रामनवमी पर रामलला का हुआ सूर्यतिलक, दर्शन करने उमड़ा भक्तो... पति ने पत्नि से झगड़े के बाद उसे ससुराल छोड़ा और घर आकर लगाई फांसी Aaj ka rashifal: आज दिनांक 6 अप्रैल 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे नर्मदापुरम मे बड़ी कार्रवाई तो सीहोर जिले में सागोंन माफिया ने कीमती सागौन में लगाई आग, भेरूंदा का ... केंद्रीय कृषि मंत्री व पूर्व सीएम चौहान के काफिले का पुलिस वाहन पलटा! 3 जवान घायल बनासकांठा: हंडिया: फटाखा ब्लास्ट में हंडिया के 11 वे मजदूर की इलाज के दौरान हुई मौत सिवनी मालवा: टीकाकरण कार्यक्रम में ग्रामीण ने कुल्हाड़ी दिखाते हुए डॉक्टर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को... बनासकांठा/हंडिया: दो शवों का आज हुआ अंतिम संस्कार, हरदा जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

घोर कलयुग : जमीन के टुकड़ों के लालच में भाई ने भाई के साथ की गद्दारी! फर्जी हस्ताक्षर कर बेटे के नाम करवाया मकान,जमीन भी हड़पी ! धोखाधड़ी की शिकायत ! तहसीलदार, SDM, कलेक्टर से की ! बीते 4 माह नही हुई सुनवाई

हरदाहरदा जिले में जमीन विवादो की लिस्ट बहुत लंबी है। अधिकतर जमीन से जुड़े मामलों में अधिकारियो की लापरवाही जगजाहिर है। उसी का फायदा उठाते हुए दबंगों के हौसले बुलंद होते जा रहे है। जमीन से जुड़े कई मामलो में जब पीड़ित को इंसाफ नहीं मिलता तो किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते है। पीड़ित किसान बहुत उम्मीद और विश्वास के साथ अधिकारियो की चोखट पर इंसाफ की गुहार लेकर जाता है। लेकिन राजस्व विभाग में वर्षों से बैठे कुछ भ्रष्ट अधिकारी बाबू दबंगों से नजराना लेकर पीड़ित किसान को तारीख पर तारीख देते है। कई बार तो शिकायतकर्ता से शिकायत आवेदन लेकर उसको कचरे की टोकरी में डाल देते है। ऐसे कई मामले है। शिकायतकर्ता शिकायत तो करता लेकिन उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जाता। ऐसा ही एक मामला रहटगांव तहसील के ग्राम फुलड़ी का सामने आया।

जहा जमीन के बटवारे में भाई ने अपने ही सगे भाई के साथ गद्दारी की। पीड़ित काशीप्रसाद गौर ने रहटगांव तहसीलदार, टिमरनी एसडीएम और हरदा कलेक्टर को लिखित शिकायत दिनांक 15/4/2024 को लिखित शिकायत जमीन और मकान सबंधित की थी। शिकायतकर्ता  काशी प्रसाद गौर ने अपने भाई दिलीप गौर पर आरोप लगाते हुए फर्जी तरीके से जमीन और मकान अपने नाम करवा लिया। इसी को लेकर शिकायत की गई थी। 

- Install Android App -

लेकिन दुर्भाग्य कहे की आज चार माह बीतने के बाद भी  राजस्व विभाग के अधिकारियों ने पीड़ित किसान को बयान के लिए कभी फोन नही किया और नही अनादेवक को कभी कोई नोटिस भेजा ।

आखिर  चार चार माह शिकायतो को लेकर दबाए रखना कार्यवाही न करना अधिकारियो की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े करती है।जब पत्रकारों के द्वारा अधिकारियो से शिकायतो के संबंध में पूछा जाता है तो ये अधिकारी रटा रटाया एक ही जबाव देते है। आपसे जानकारी मिली है दिखवाते है।लेकिन क्या जिम्मेदार अधिकारी आपने स्वयं के विवेक से इन मामलो को निपटाने में उनकी समस्याओं को दूर करने में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाते । कहने को तो नियमानुसार हर एक कार्य को पूर्ण करने समय सीमा निर्धारित है। लेकिन ये दिशा निर्देश सिर्फ दीवारों तक ही चस्पा होकर रह गए।

क्या है बुजुर्ग काशी प्रसाद गौर की शिकायत

देखे आवेदन पत्र।

 

प्रति,

 श्री – मान. तहसीलदार महोदय,

 रहटगांव, जिला-हरदा (म.प्र.)

विषय :- जमीन एवं मकान सम्बंधित शिकायत बाबत् ।

 

महोदय जी,

में काशीप्रसाद गौर एवं दिलीप गौर दोनों के मध्य पैतृक चल-अचल सम्पत्ति यत्र बंटवारा नहीं हुआ । मैंने आर्डिनेंस फैक्ट्री में 32 साल सर्विस की है, मैने रिटायरमेट के पैसे से 16 एकड़ जमीन खरीदी है ।

जिसमें 8 एकड़ जमीन दिलीप गौर और उसकी पत्नि मनु और के नाम से रजिस्ट्री करवा ली है। जिसे एक साल पूर्व बेच दिया उसकी जानकारी हमें नहीं दी गई ।एवं 8 एकड़ जमीन गांव में खरीदी गई जिसकी अभी रजिस्ट्री नहीं हुई जिसकी पूरी राशि दे दी गई है ।

तथा दो मकान खरीदे जिसमें से एक मकान एवं 8 एकड़ जमीन पाडर माटी की जमीन बेच दी है। 16 एकड़ पैतृिक जमीन है उसमें से भी 02 एकड़ जमीन बेच दिया । जिसकी हमें कोई जानकारी नहीं दी गई।

पैतृक मकान आवादी की जगह में है जिसका 6 माह पूर्व आबादी सर्वे हुए उसमे मेरे पास उस मकान की रजिस्ट्री और नोटरी है,।

 

 उसके बाबजूद उसने हमें बिना जानकारी दिये अपने लड़के के नाम पर नामांतरण करवा लिया।

 जानकारी होने पर हमने तहसीलदार एस.डी.एम., कलेक्टर एवं ग्राम पंचायत में आपत्ति आवेदन दिया है। उसके बाबजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई और उक्त मकान का अभय गौर के नाम से ऑन लाईन सर्वे में नाम दर्ज हो चुका है। हम विगत 06 माह से तहसील कार्यालय, एस.डी.एम. कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं परंतु कोई ठोस कार्यवाही नही हुई है। भाई दिलीप गौर के पास पैतृिक सम्पत्ति जिसमें दो टेक्ट्रर, दो बैल गाड़ी, डेयरी, दो मकान उक्त दोनों मकानों में कुओं तथा 2.4.3 डिसमिल में टीनशेड का मकान जिसमें भी कुआ मोटर है। तथा एकड़ कृषिभूमि में मकान, एक ट्यूव वेल, एक कुआ है एवं 7 एकड़ में जाम का बगीचा लगा है, तथा 8 एकड़ में 02 कुंआ है तथा 200 नग कास्ता पाईप है, तथा एक जनरेटर 5 एच. पी. की मोटर पानी बाली. 100 नग स्प्रिंकलर, एक पंखा फसल उढाने वाली, दो मोटर साईकिल, 2 बच्चियों की एक चभ मुकाम शादी जिसमें 20 लाख खर्च किये गये तथा तीन बच्चों की पढ़ाई इन्दौर हरदा में रहकर करवाई गई, 10 किविंटल की 10 कोठी, 10 तोला सोना, 5 किलो चांदी, उक्त सभी वस्तुएँ 15/4/24 शामिल दोनों भाईयों के शामिल में है । 

तथा खोट जमीन लेते थे। उसका पैसा भी में ही देता था। दिलीप गौर जो वर्तमान मकान में है उसका बिजली बिल काशीप्रसाद के नाम से विगत 50 वर्षो से आ रहा है, कुंआ भी काशी प्रसाद गौर ने खुदवाया था जिसने एक मोटर डाली गई थी जो सभी मेरे नाम (काशीप्रसाद गौर के नाम से वसीयत में था ।

2)

छोटे भाई दिलीप गौर पर विश्वास किया तो उसने विश्वास घात करके हमें परेशान कर है। उसकी नियत देने की नहीं है। जिसके कारण हमे काफी परेशान एवं दुखी है आर्थिक रूप से परेशान हैं ।

दिलीप गौर के दो बच्चे, बहन रूपा के दो बच्चे एवं बहन कुसुम का एक बच्चा मॉ सहित 15 वर्ष मेरे (काशी प्रसाद) के पास रहकर पढ़ाई की जिसका पूरा खर्चा मेरे किया गया । तथा दिलीप गौर ने 10 एकड़ जमीन एवं एक मकान बेच दिया, दिलीप गौर 28 लाख में इन्दौर में एक मकान लिया। काशी प्रसाद गौर के नाम से 04 एकड़ पैतृिक कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका बनी थी। जिसमें से 02 एकड़ की कृषि भूनि दिलीप गौर ने हरिप्रसाद गौर के नाम से नामांतरण करवा दिया तथा हरिप्रसाद के नाम की कृषि भूमि 02 एकड़ कर्म दिलीप गौर ने अपने स्वयं के नाम पर करा ली। 

इस तरह से उसके पास पैत्रिक जमीन 14 एकड़ थी जो अब 12 एकड़ ऑन लाईन रिकार्ड में दर्ज है। तथा दिलीप गौर, मनु गौर एवं अभय गौर के नाम से जीवन बीमा पॉलिसी है। 12 डिसमिल खला कमलेश गौर का जिसके एवज में 10 डिसमिल भूमि जीवन गौर ने दिलीप गौर को दी तथा दिलीप ने पॉवर त्य अटार्नी बनवाकर लोक अदालत में चालाकी करके जाली हस्ताक्षर करवाकर चल अचल सम्पत्ति को अपने नाम पर दर्ज करा लिया। उसमें जो हस्ताक्षर है वह काशीप्रसाद गौर के जाली हस्ताक्षर कर कराया गया है।

अतः महोदय प्जी से निवेदन है कि उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए उचित निर्णय करते हुए सही ढंग से आपसी बटवारा कराये जाने एवं दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करने की कृपा करें ।

 

उचित विनय श्रीमान के समक्ष सादर प्रस्तुत है ।

आवेदक 

काशी प्रसाद गौर