हंडिया : देवउठनी एकादशी पर दिखी दीवाली सी रौनक,! व्रत रखकर श्रद्धालुओं ने किया माता तुलसी भगवान शालिग्राम का विवाह! देखे वीडियो
हंडिया।मंगलवार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी पर एक धार्मिक नगरी में दीवाली पर्व जैसा उत्साह और रौनक नजर आया।इस दौरान घरों घर मंडप सजाए गए और बेर भाजी आंवला उठो देव सांवला का जयघोष के किया गया।इस अवसर पर लोगों ने व्रत रखा।साथ ही गन्ना आदि को रखकर विधि विधान से पूजन अर्चन किया।और घरों के आंगन में रांगोली व मंडप सजाकर विवाह मंत्रों के साथ तुलसी विवाह किया गया।
सृष्टि का संचालन फिर से संभाल लेते हैं भगवान विष्णु: पंडित श्री रामचंद्र जी गीते
पंडित श्री रामचंद्र जी गीते ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव प्रबोधिनी, देवउठनी और देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।मान्यता है कि कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने तक विश्राम करने के बाद इस तिथि पर उठते हैं और सृष्टि का संचालन अपने हाथों में एक बार फिर से संभाल लेते हैं।भगवान विष्णु आषाढ़ महीने की शुक्लपक्ष की देवशयनी एकादशी पर क्षीर सागर में सोने के लिए चले जाते हैं।देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह किया जाता है।
आज प्रबोधिनी एकादशी के इस पर्व के अवसर पर मां नर्मदा के विभिन्न घाटों पर तड़के ही श्रद्धालुओं ने स्नान शुरू कर दिया था।
धार्मिक नगरी में जमकर हुई आतिशबाजी।
आज देश उठनी ग्यारस पर बच्चों और युवाओं ने पटाखे फोड़ने का खूब आनंद लिया।विवाह संपन्न होने के बाद आतिशबाजी का जो सिलसिला शुरू हुआ वो देर रात्रि तक जारी रहा।इधर पुलिस टीम भी सतत भ्रमण करती रही।
गन्नो की जमकर हुई खरीदारी!
देवउठनी एकादशी पर जगह-जगह गन्नों की बिक्री हुई।हर चौराहे पर गन्ने की ढेरियां लगी हुई थी।वहीं कुछ स्थानों पर सीधे ट्रेक्टर ट्रालियों से गन्ने बेचे जा रहे थे।सुबह से ही सड़कों के किनारे गन्नों की बिक्री का सिलसिला शुरू हो गया था जो शाम तक जारी रहा। कोई स्कूटर और तो कोई बाइक से तो कोई ऑटो, कार से तो कोई पैदल गन्ना लेकर जाते नजर आए।वस स्टैंड के अलावा सड़कों के किनारे कई जगह-जगह गन्ना विक्रेता गन्ना बेचते नजर आए।