ब्रेकिंग
Big news hrada: निगरानी शुदा 2 बदमाशों से 14 किलो गांजा जब्त ! जिले में दोनों के ऊपर दर्ज है। दर्जन... Big breaking news सिवनी मालवा की ओर से नर्मदापुरम की ओर जा रहा हार्वेस्टर नेशनल हाइवे पर पलटा! 4 लोग... Gold-Silver Rate: चांदी ने रचा इतिहास, भाव 1 लाख के पार, जानिए सोने के ताज़ा रेट Ration Card EKYC: राशन कार्ड धारक के लिए सरकार ने जारी किया आदेश, इस तारीख से पहले करे केवाईसी, वर्न... भारतीय डाक विभाग GDS 4th Merit List 2024: यहां जानें कब आएगी 4थी लिस्ट Ladli Behna Yojana 19th Installment: बहनों के लिए खुशखबरी, इस दिन आएगी ₹1250 की अगली किस्त Aaj ka rashifal: आज दिनांक 23 अक्टूबर 2024 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे खातेगांव सतवास : पांगरी मंदिर में रखी मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने वाले आरोपी को सतवास पुलिस ने महज कु... खिरकिया: मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल (जीवन दायिनी हॉस्पिटल ) के संचालक डॉक्टर सुधीर सिटोके और उसके पित... PM Shram Yogi Mandhan Yojana: मजदूरों को प्रत्येक महीना मिलेगा ₹3000 का राशि, जाने विस्तार में

Harda News: न्यायाधीश ने किसान का ट्रेक्टर नीलाम होने से बचाया

हरदा : जिला न्यायालय हरदा में सदस्य, मोटर दावा दुर्घटना न्यायाधीश श्री राजेश यादव के न्यायालय में एक बार फिर एक मामले में अनोखा निर्णय दिया गया जिसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है। हुआ यह कि ग्राम लोधी ढाना, तहसील रहटगांव के आदिवासी किसान चम्मुलाल पिता लालजी चौहान के विरूद्ध उसके ट्रेक्टर से हुए एक्सीडेन्ट के कारण क्लेम प्रकरण में ₹4,00,000/- राशि अवार्ड की गई थी जिसकी वसूली हेतु निष्पादन प्रकरण न्यायालय में विगत् एक वर्ष से विचाराधीन था। ट्रेक्टर मालिक गरीब आदिवासी था जिसके पास इस ट्रेक्टर के सिवाय एक रूपया भी राशि अदा करने को नहीं थी और ना ही कोई जमीन थी। उसकी रोजी रोटी का एकमात्र सहारा ट्रेक्टर ही था जिसे नीलाम की जाने की कार्यवाही न्यायालय में विचाराधीन थी। साथ ही वह आदिवासी किसान राशि अदा करने में सक्षम नहीं होने के कारण जेल जाने को भी तैयार था।

- Install Android App -

किन्तु यह मामला जैसे ही प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश यादव के समक्ष आया तो उन्होंने अपनी कार्यशैली के अनुरूप मामले के निराकरण का व्यवहारिक हल सुलझाया और किसान को ₹ 4,00,000/- राशि के बदले में 1,00,000/- की राशि अपने सभी रिश्तेदारों से उधार लेकर चुकाने और बदले में ट्रेक्टर वापस लेकर इस समय चल रहे कृषि कार्य में ट्रेक्टर का उपयोग कर अपनी आय अर्जित करने का सुझाव दिया। चूंकि डिकीधारी श्रीमती सोमताबाई भी आदिवासी किसान ही थी जिसे एक लाख रूपये की राशि लेने हेतु सहमत कर प्रकरण समझौते के आधार पर निराकरण करने के लिये सहमत कर लिया।

इस प्रकिया में दोनों पक्ष के अधिवक्ता कमशः श्री शशिकांत शर्मा, श्री आनंद बण्डावाला एवं श्री राजेश पाराशर ने न्यायालय को पूरा सहयोग किया और अपने विधिक पेशे के लालच की बजाय मानवीयता का परिचय दिया। इस फैसले से डिकीधारी, ऋणी, उनके अधिवक्ता सभी खुश नजर आए और न्यायालय को भी समझौते के आधार पर शीघ्र, सुलभ और सस्ता न्याय प्रदान किये जाने में संतुष्टि का अनुभव हुआ और न्यायालय का कार्य भार कम हुआ।