2018 में जैसानी चौक पर हुआ सागर हत्याकांड का फैसला
मकड़ाई समाचार हरदा। वर्ष 2018 में शहर के बीचों बीच जैसानी चोक पर हुए मर्डर केस में न्यायालय ने आरोपियो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जानकारी देते हुए पैरवी कर्ता अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रवीण सोनी ने बताया कि पुलिस थाना हरदा के अपराध क्र.849/2018 धारा 302/34 भादवि में अभियुक्त सोनू उर्फ रितेश ,अक्कु उर्फ शिवम,विकास, श्यामलाल को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीष राजेंद्र कुमार दक्षिण द्वारा हत्या का आरोपी पाते हुए धारा 302/34 में आरोपीगण को आजीवन कारावास व 2-2 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया तथा अर्थदंड नही जमा करने पर 2-2 माह का कठौर कारावास करने का निर्णय पारित किया है।
चार लोगो ने मिलकर सागर पर किया था हमला
अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रवीण सोनी ने बताया कि नगर के मध्य जैसानी चौक पर 11.12.2018 की शाम 06.00 से 6.30 क मध्य आरोपी अक्कू उर्फ शिवम,सोनू उर्फ रितेश ने सागर को चाकू से मारकर एवं अभियुक्त विकास, ने मिलकर हत्या की अभियुक्तगण अक्कू,सोनू ने सागर को चाकू मारा था। जिसकी देहाती नालसी पुनित त्यागी द्वारा सरकारी अस्पताल हरदा पर लेखबद्ध की गई र्थी। घटना के साक्षी कपिल शर्मा,शक्ति शर्मा देखा घटना सुनकर मौके पर पहुंचे थे उस समय अभियुक्त गण चाकू लेकर भागते दिखे जो दो मोटर साईकिल पर दो दो थे। उक्त घटनार में रिपोर्ट कर्ता पुनित के भाई सागर को जांघ,कमर पुठठे पर चाकू की चोट आई थी।उसे परिजन घटनास्थल से उठाकर अस्पताल ले गए थें जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित किया था।
न्यायालय ने 3 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
पुलिस द्वारा घटनास्थल जैसानी चौक पर पहुंचकर मुआयना किया गया। आस पास के सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किए। इनमें घटना को अंजाम देते अभियुक्त प्रत्यक्ष दिख रहे थें। मा.न्यायालय के समक्ष साक्षी पुनित शक्ति एवं अन्य साक्षियो के कथन लेखबद्ध कराए गए थें। मा.न्यायालय द्वारा घटना से संबधित प्रत्येक बिंदू को गहराई से अवलोकन तथा साक्ष्यो का सूक्ष्मता से अवलोकन कर दिनांक 30.07.21 शुक्रवार को आरोपी सोनू उर्फ रितेश अक्कूु उर्फ शिवम,विकास, श्यामलाल को सागर की हत्या का दोषी मानते हुए धारा 302/34 में आरोपीगण को आजीवन कारावास और 2.-2 हजार रुपये का अर्थदंड से दण्डित किया गया वहीं अर्थदंड जमा नही करने पर 2-2 माह का कठौर कारावास करने का निर्णय किया। प्रकरण में शासन की ओर से अतिरिक्त अभियोजक प्रवीण सोनी द्वारा पैरवी की गई। वही एक अन्य आरोपी अंशुल को दोषमुक्त किया गया। उसकी और से पैरवी एडवोकेट प्रकाश टांक ने की थी।