हरदा हंडिया बड़ी खबर: रिद्धनाथ मंदिर व माँ नर्मदा का “नाभि कुण्ड” अनुमोदित तीर्थों की सूची में शामिल
हरदा / मध्यप्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण भोपाल द्वारा हरदा जिले की हंडिया तहसील मुख्यालय पर स्थित माँ नर्मदा नदी का नाभि कुण्ड और रिद्धनाथ मंदिर को प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित तीर्थों की सूची में शामिल कर लिया गया है। कलेक्टर श्री आदित्य सिंह ने बताया कि मेला प्राधिकरण की अनुमोदित सूची में शामिल होने से हंडिया क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ेंगे। उन्होने बताया कि प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को माँ नर्मदा नदी का नाभि कुण्ड और रिद्धनाथ मंदिर में होने वाले विकास कार्यों के प्रस्ताव की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट शीघ्र ही भेजी जाएगी, जिसके आधार पर राज्य शासन द्वारा हंडिया स्थित नाभि कुण्ड व रिद्धनाथ मंदिर के लिये विकास कार्य स्वीकृत किये जायेंगे।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि हरदा जिले में पर्यटन स्थलों का एक “टूरिस्ट सर्किट” विकसित किया जाएगा, जिसमें हंडिया के ऐतिहासिक एवं पर्यटक स्थलों के साथ-साथ चारूवा का प्राचीन शिव मंदिर, जोगा का किला तथा गोराखाल का झरना जैसे प्रमुख स्थलों को शामिल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हंडिया एक अत्यंत प्राचीन एवं धार्मिक स्थल है जहाँ कि हिन्दू, मुस्लिम व सिक्ख धर्मों से जुड़े आस्था के अवशेष उपलब्ध है। नर्मदा का नाभि स्थल होने से नर्मदा परिक्रमा का केन्द्र बिन्दु भी हंडिया है। हंडिया स्थित रिद्धनाथ मंदिर एक अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं कुबैर ने कराया था। यह भी मान्यता है कि सिक्खों के दसवें गुरू गोविन्द सिंह जी ने अपने प्रवास के दौरान हंडिया में विश्राम किया था। प्रवास से जाते समय गुरू गोविन्दसिंह जी ने ताम्रपत्र भेंट किया था, इस ताम्रपत्र पर गुरूवाणी अंकित है। यह ताम्रपत्र गुरूद्वारे में दर्शनार्थ रखी हुई है। हंडिया में ही अकबर के नौ रत्नों में से वजीर अब्दुल हसन, जो मुल्ला दो प्याजा के नाम से प्रसिद्ध हुए, उनका अवसान हंडिया में हुआ था, जिसका स्मारक हंडिया में मौजूद है। इसके अलावा हंडिया में शाह भंडग की दरगाह मुस्लिम आस्था का केन्द्र है। हंडिया के पास ही सोलहवीं शताब्दी में निर्मित तेली की सराय व अन्य प्राचीन स्मारक पर्यटन व आस्था के केन्द्र बिन्दु भी स्थित हैं।