Harda News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरदा आगमन पर हरदा ब्लास्ट के संदर्भ में कांग्रेस की चिट्ठी !
हरदा : आज प्रधानमंत्री मोदीजी के हरदा आगमन पर कांग्रेस की तरफ से हरदा बारूद ब्लास्ट मामले में कार्रवाई करने को लेकर एक चिट्ठी लिखी गयी है।
कांग्रेस की इस चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता कांग्रेस नेत्री अवनी बंसल व स्थानीय अधिवक्ता आदित्य गार्गव ने ब्लास्ट पीडितजन के मुआवजे, पुनर्वास, मामले में दोषी अधिकारियों का मुद्दा उठाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।
क्या है चिट्ठी –
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी,
आप 24 अप्रैल 2024 को हरदा आ रहे हैं।
जैसा कि आपके संज्ञान में है, 6 फरवरी 2024 को हरदा में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था। आपने इस बारे में ट्वीट भी किया था। लेकिन आज ढाई महीने होने को आए हैं और हरदा ब्लास्ट पीड़ित अपनी न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं मैं। उन्हें अभी तक उछित मुआवजा नहीं मिला है। बहुत से पीड़ित अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं लेकिन उनके पास घर चलाने के लिए कोई राहत राशि नहीं पहुंची है। किसी का पेट चीरा गया तो किसी के सर में गंभीर चोट आई है। किसी का हाथ टूट गया तो किसी का पैर फ्रैक्चर हो गया। लगभाग 50 ऐसा परिवार है जिनके पूरे घर तबाह हो गए और जो ढाई महीने से राहत शिविर में रह रहे हैं। ऐसे में आपकी सरकार और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जो राहत राशि मिलनी चाहिए, वो अभी तक नहीं मिली है।
हरदा विस्फोट पीड़ितों और सर्व समाज के लोगों ने 14 दिनों की भूख हड़ताल की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आदरणीय दिग्विजय सिंह और मीनाक्षी नटराजन ने हरदा आकर भूख हड़ताल तुड़वाई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आश्वासन दिया था कि एक महीने में पूरा मुआवजा मिल जाएगा लेकिन पीड़ित अभी भी दर दर की ठोकर खा रहे हैं। ऐसे में आप जब हरदा की धरती पर संबोधित करने वाले हैं तो आपसे गुहार लगा रहे हैं कि आप हरदा विस्फोट पीड़ित के लिए सरकार के द्वार सही मुआवजे के लिए तुरत मुख्यमंत्री को निर्देश दें।
एनजीटी के सामने सरकारी वकील दलील दे रहे हैं कि आरोपी की जमीन बेचकर मुआवाजा राशि इकट्ठी की जाए। आरोपी अपनी जमीन की नीलामियों को रोकने के लिए कोर्ट में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में हरदा ब्लास्ट पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए, सरकार अपनी जिम्मेदारी समझे और तुरंट उनके मुआवजे के लिए राशि प्रदान की जाए ।
सरकार का दावा है कि विस्फोट में 14 श्रमिकों की मौत हो गई और 200 घायल हो गए। इसी फैक्ट्री से पहले भी विस्फोट की खबरें आ चुकी हैं। जिला प्रशासन द्वारा इसे बंद करने के आदेश के बाद भी फैक्ट्री मलिकों की राजनीतिक संबंधो के कारण फैक्ट्री चलती रही। घायलों और स्थानीय निवासियों का दावा है कि यह ‘अवैध’ फैक्ट्री चल रही थी जिसमे 1500 लोग काम करते थे। उनका दावा है कि मरने वालों की संख्या बहुत अधिक है और यह लीपापोती है। जान बूझकर इतनी बड़ी घटना के बाद भी तत्कालीन कलेक्टर और एसपी ने कोई फोरेंसिक जांच नहीं कराई ताकि ये पता चल सके कि ब्लास्ट के समय कितने लोग फैक्ट्री स्थल में मारे गए। त्रासदी का स्तर छुपाया जा रहा है।
शुरुआती जांच से पता चला है कि फैक्ट्री में जरूरत से ज्यादा विस्फोटक थे। फैक्ट्री मालिकों के पास केवल 35 किलो के लाइसेंस की अनुमति थी (दो) लेकिन विस्फोट के समय फैक्ट्री स्थल पर 3500 किलोग्राम विस्फोटक मौजूद होने की बात कही गई है। विस्फोटक अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन हुआ। अक्टूबर 2023 की एक निरीक्षण रिपोर्ट में कारखाने पर उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। सभी नियमों और सुरक्षा मानदंडों और जीवन और संपति के लिए खतरे की चेतावनी दी।
दोषी अधिकारी जिन्होंने उल्लंघन के बावजूद कारखाने को काम करने की अनुमति दी, उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है और तत्कालीन कलेक्टर/एसपी को बचाने की कोशिश जा रही है।
पीड़ितों की मांगों में शामिल हैं-
- मृतकों के परिजनों को 15 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
- यह सुनिश्चित करना कि जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें उनकी संपत्ति का बाजार मूल्य दिया जाए।
- किरायेदारों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 2.5 लाख रुपये।
- दिव्यांगों और मृलकों के आश्रितों के लिए रोजगार के अवसर।
- मृतको की सही संख्या का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम तैनात करना।
- उचित कार्रवाई करने में विफल रहने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए ।
- मोदी जी क्या हरदा के लोग आपके परिवार का हिस्सा नहीं हैं? और अगर है तो उम्मीद है आप आज ही इसपर सही काम कर सकते हैं लोगों को उम्मीद दिलाएंगे ।
– अधिवक्ता अवनी बंसल
– अधिवक्ता आदित्य गर्गव