मकड़ाई समाचार हरदा। हरदा जिले के टिमरनी सब डिवीजन की अजनई शाखा से जुड़े किसानों को नहर छूटने के 11 दिनों बाद भी ग्रीष्म कालीन मूंग की फसल की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाया है। जिससे नाराज किसानों ने सुखी नहर में खटिया पर बैठकर अपने हिस्से का पानी मांगने को लेकर प्रदर्शन किया। किसानों के धरने पर बैठने की जानकारी मिलते ही टिमरनी की प्रभारी तहसीलदार ऋतु भार्गव और सिंचाई विभाग के अधिकारी किसानों से चर्चा करने धरना स्थल पर पंहुचे। वहीं अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि उन्हें सोमवार शाम तक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करा दिया जाएगा।
किसानों ने बताया कि 23 मार्च को तवा डेम से पानी छोड़ने के अगले दिन जिले में नहर में पानी पहुंच गया था, लेकिन रसूखदारों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने अपने प्रभाव के चलते अधिकारियों पर दबाव डालकर नहर में हेड़प लगाकर पानी का आगे बढ़ने से रोक लिया। जिसके चलते ग्राम गोदड़ी, काथड़ी, नोसर, नयागांव सहित अन्य गांवों से जुड़े कई किसानों को करीब एक हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में नहर का पानी नहीं मिला, जिससे खेत सूखे पड़े है। वहीं जिन किसानों ने निजी जल स्रोतों से पलेवा कर मूंग की बोनी कर ली है। उनकी फसल सुखने लगी है।
किसानों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते नहर छूटने के 11 दिनों बाद भी उन्हें पानी नहीं मिल पाया है। जिसके चलते वे अपने हक का पानी मांगने के लिए सुखी नहर के बीच धरने पर बैठ गए है। किसानों का कहना है कि यदि उन्हें कल तक नहर का पानी नहीं मिला तो वे दोबारा धरने पर बैठेंगे। जिले में अब तक करीब पचास हजार हेक्टेयर में मूंग की बोवनी की चुकी है। पिछले साल जिले में 50 हजार हेक्टेयर से अधिक की मूंग की बोवनी की गई थी। इस बार नहर और निजी जलस्रोत के माध्यम से करीब 60 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में मूंग की बोवनी होने की संभावना है।