हरदा : कृषि विज्ञान केन्द्र हरदा के वैज्ञानिक डॉ. एस. के. तिवारी एवं डॉ. ओम प्रकाश भारती ने सोमवार को ग्राम बागरुल में किसानों के खेत पर सीडड्रिल से सीधी बुवाई की गई धान फसल का निरीक्षण कर कृषको को तकनीकी सलाह दी। डॉ. एस. के. तिवारी ने किसानों को सलाह दी कि धान की निंदाई उपरांत नैनो डी.ए.पी. 500 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करें, जिससे फसल की अच्छी वृद्धि होगी। केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी कि अपने खेतों की सतत निगरानी करते रहे। वर्तमान में धान के खेतो में भी रस चूसक कीड़ें कहीं कहीं पर दिखाई दे रहे है। किसानों को सलाह दी गई है कि रस चूसक कीड़ों के प्रभावी नियंत्रण के लिए बीटासाएफ्लुथरीन के साथ पुरबा मिश्रित इमीदाक्लोप्रिड्ड 140 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें, इसके साथ किसी अन्य रसायन का मिश्रण न करें।
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