वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को मोदी सरकार 3.O का पहला बजट पेश किया. जिस पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष ओम पटेल ने कहा कि बजट यह जनहितैषी बजट नही हैं कांग्रेस के घोषणा पत्र में सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए प्रोग्रामेटिक गारंटी थी, जबकि सरकार की योजना में मनमाने ढंग से लक्ष्य (1 करोड़ इंटर्नशिप) रख दिया गया है।
ओम पटेल ने बताया कि किसानों के साथ अनुचित व्यवहार किया, बजट के माध्यम से केंद्र सरकार ने देश के किसानों के साथ अनुचित व्यवहार किया गया है. कृषि बजट – जो देश की अधिकांश आबादी को प्रभावित करता है – कुल बजट का केवल 3.15% है. यह 2019-2020 के 5.44% से भी कम है. यह तब हुआ है जब एक साल तक खराब मानसून के कारण कृषि विकास दर घटी हैं लेकिन बजट ने किसानो को भी निराश किया है. वित्त मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि का दावा किया था लेकिन कीमतें अभी भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश वाले फॉर्मूले के अनुरूप न होकर काफी कम हैं. एमएसपी को कानूनी दर्जा देने और कृषि ऋण माफी की मांग पर खामोशी बरती गई है. युवाओं महिलाओं के लिए कोई नई बात बजट में नही देखने को मिली हैं न ही महंगाई कम होने की बात कही गई हैं ।