हरदा : कृषि विभाग द्वारा जिला स्तरीय डायग्नोस्टिक दल गठित किया गया है। यह दल नियमित रूप से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर किसानों को समसामयिक सलाह व आवश्यक मार्गदर्शन देता है। उपसंचालक कृषि श्री संजय यादव ने बताया कि सोयाबीन फसल में इल्ली के नियंत्रण के लिए इंडोक्साकार्ब 15.80 प्रतिशत इसी 333 मि.ली. प्रति हेक्टेयर के मान से फसल पर छिड़काव किया जा सकता है। उन्होने बताया कि सोयाबीन फसल पर इल्ली के प्रकोप से बचाव के लिये इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 प्रतिशत इसी 425 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या नोवाल्युरोन 05.25 प्रतिशत $ इन्डोक्साकार्ब 04.50प्रतिशत एससी 825-875 एम.एल. प्रति हेक्टेयर, 15.80 प्रतिशत ई.सी. 333 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या फ्लुबेंडियामाइड 39.35 एससी 150 एम.एल. समसामायिक सलाह दी जा रही है। इसी प्रकार 100 दिवस से अधिक समय की फसल में चक्र भ्रंग नियंत्रण के लिए थायोक्लोप्रिड 21.17 प्रतिशत एससी 750 एम.एल. प्रति हेक्टेयर या प्रोफेनोफास 50 प्रतिशत इसी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 प्रतिशत 250-300 एम.एल. प्रति हेक्टेयर तथा तना मक्खी के नियंत्रण के लिए थायोमेथोक्साम $ लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 125 एम.एल. प्रति हेक्टेयर या बीटासायफ्लुथ्रिन $ इमिडाक्लोप्रिड 350 एम.एल. प्रति हेक्टेयर के मान से फसलों पर छिड़काव करने की सलाह किसानों को दी गई।
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