मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। खरगोन की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 50 वर्षीय पदमा राजौरा तिवारी की गुरुवार को इंदौर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मजिस्ट्रेट ने टेस्ट बेबी ट्यूब से नवजात बच्ची को जन्म दिया था। इलाज के दौरान उनकी हालत बिगड़ने लगी। चिकित्सक ने उन्हें चार दिन तक वेंटीलेटर पर रखा।
इसके बाद गुरुवार दोपहर में उनकी मौत हो गई। उनके परिजनो ने बताया कि वह पिछले 3 वर्षो से खरगोन में पदस्थ थी। इंदौर के निजी अस्पताल में इनका उपचार हो रहा थां| इसी माह की 8 तारीख को उन्होने मेडिकल अवकाश लिया था। इसके बाद दो दिनों तक खरगोन में इलाज चला जहां से उन्हे इंदौर रिफर कर दिया | यहां उन्होने एक नवजात बच्ची को जन्म दिया है।इसके बाद उनकी तबियत बिगड़ती गई उन्हे 4 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा, उनकी मौत हो गई।
मामले में डाक्टरो ने बताया कि इलाज के दौरान मृतक को पीलिया हो गया था। इससे उनकी हालत बिगडती गई। अंततः उन्होने दम तोड़ दिया वह इंदौर की निवासी थी। सिलिकान सिटी इंदौर से उनका अंतिम यात्रा निकली।मजिस्ट्रेट को बच्चे की चाह थी। उन्होंने टेस्ट बेबी ट्यूब का इलाज लिया। लोगो का कहना है कि उम्र के इस पढ़ाव में मां बनना खतरनाक हो गया।